नहीं बिकेगा धर्मशाला: मलय घटक
बंगाल मिरर आसनसोल, राहुल तिवारी :
विगत कई दशकों से जानकी देवी धर्मशाला (नया धर्मशाला) में नित्य नियमित धार्मिक अनुष्ठान, भागवत, भजन मंडली, माता का जागरण, श्याम महोत्सव, रानी सती दादी जी के कार्यक्रम, शादी-विवाह, सामाजिक कार्यक्रम, ब्लड डोनेशन कैंप, आदि होते आ रहा है । साथ ही आवश्यकता अनुसार प्रशासनिक अधिकारियों को ठहरने हेतु भी इसका उपयोग होता है ।
इनदिनों जैसा की हम सभी को ज्ञात हुआ है, कि जानकी देवी धर्मशाला (नया धर्मशाला) को बिक्री करने का षडयंत्र रचा गया है ! यह धर्मशाला बाजार प्रागंण का सबसे बड़ा धार्मिक आस्था का स्थान है । ऐसे में धर्मशाला को बेचकर व्यासायिक कार्य में लगाना कितना उचित है ? इस हेतु आज धर्मशाला बचाव आंदोलन में पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री श्री मलय घटक उपस्थित होकर इस आंदोलन को सम्बोधित किए । उन्होंने स्थानीय लोगों की भावना को समझते हुए यह कहा, कि धर्मशाला की सम्पत्ति क्रय-विक्रय के लिए नही होती है । यह धर्मशाला सदैव से वैवाहिक कार्यक्रम, धार्मिक आनुष्ठान, समाजिक कार्यक्रम के लिये उपयोग मे लाया जाता था और आगे भी इसका उपयोग इनसभी कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा । यदि ट्रस्टी इसे बेचने का प्रयास करेगी, तो उसे रोका जायेगा एवं प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई भी की जाएगी । यह आंदोलन वार्ड नं. 44 की स्थानीय पार्षद श्रीमती उमा सराफ के नेतृत्व मे किया गया ।
हमारा मांग है, इस धर्मशाला को, धर्मशाला ही रहने दिया जाए । इस संदर्भ में यदि वर्तमान धर्मशाला के व्यवस्थापन को, कोई सहायता की आवश्यकता हो, तो हम स्थानीय सहयोग से वह सहायता देने का पूर्णतया प्रयास करेंगे । इस धर्मशाला का हस्तांतरण व्यवसायिक प्रतिष्ठान के रूप में न हो यही हमारा निवेदन है ।
साथ ही हम यह भी बताना चाहते हैं, कि इस धर्मशाला का यदि व्यवसायिक हस्तांतरण का प्रयास न रुके, तो हम और भी तीव्र आंदोलन करेंगे ।इस आंदोलन को सफल बनाने में बाजार एवं आसपास के स्थानीय कई धार्मिक संगठन, समाजिक संगठन ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं हजारों की संख्या मे लोग उपस्थित हुए ।
आज आंदोलन करते समय हम सभी ने मास्क का उपयोग किया है !