भारतीय खुदरा व्यापार को लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये का व्यापार घाटा: गोपाल अग्रवाल
बंगाल मिरर, धनंजय तिवारी,रानीगंज – कोरोना से व्यवसाय प्रभावित विषय पर जूम एप के द्वारा कार्यशाला का आयोजन रानीगंज सामाजिक संस्था सुरक्षा के तत्वधान में रविवार को जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन हुआ । मुख्य वक्ता उद्योगपति श्री गोपाल अग्रवाल ने बताया कि
देश में कोरोना महामारी ने भारतीय खुदरा व्यापार को लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा है जिसके परिणामस्वरूप घरेलू व्यापार में इस हद तक उथल-पुथल हुई है कि लॉक डाउन खुलने के 45 दिनों के बाद भी देश भर में व्यापारी उच्चतम वित्तीय संकट, कर्मचारियों की तथा दुकानों पर ग्राहकों के बहुत कम आने से बेहद परेशान हैं। जबकि दूसरी तरफ व्यापारियों को अनेक वित्तीय दायित्वों को पूरा करना है जबकि बाजार में पैसे का संकट पूरी तरह बरक़रार है ! केंद्र अथवा राज्य सरकारों द्वारा व्यापारियों को कोई आर्थिक पैकेज न देने से भी व्यापारी बेहद संकट की स्तिथि में हैं और इस सदी के सबसे बुरे समय से गुजर रहे हैं !
देश के घरेलू व्यापार की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा कि देश में घरेलू व्यापार अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है और रिटेल व्यापार पर चारों तरफ से बुरी मार पड़ रही है और यदि तुरंत इस स्तिथि को ठीक करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाये गए तो देश भर में लगभग 20% दुकानों को बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा जिसके कारण बड़ी संख्यां में बेरोजगारी भी बढ़ सकती है ! श्री गोपाल अग्रवाल ने कहा कि
कोरोना को लेकर लोगों के दिलों में बड़ा डर बैठा हुआ है जिसके कारण स्थानीय खरीददार बाज़ारों में नहीं आ रहे हैं हैं जबकि ऐसे लोग जो पडोसी राज्यों या शहरों से सामान खरीदते रहे हैं वे लोग भी कोरोना से भयभीत होने तथा दूसरी ओर एक शहर से दूसरे शहर अथवा एक राज्य से दूसरे राज्य में अंतर-राज्यीय परिवहन की उपलब्धता में अनेक परेशानियों के कारण खरीददारी करने बिलकुल भी नहीं जा रहे हैं जिससे देश के रिटेल व्यापार की चूलें हिल गई हैं!
कहा कि इन सभी कारणों के चलते देश भर के व्यापारिक बाज़ारों में बेहद सन्नाटा है ! देश भर के व्यापारियों से उपलब्ध जानकारी के अनुसार कोरोना अनलॉक अवधि के बाद अब तक केवल 10% उपभोक्ता ही बाज़ारों में आ रहे हैं जिसके कारण व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है ! सीमेंट इंडस्ट्री के पदाधिकारी एवं दामोदर सीमेंट के एमडी पवन केजरीवाल ने कहा कि
अभी तक व्यापारियों को केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा कोई आर्थिक पैकेज पैकेज नहीं दिया गया जिसके कारण व्यापार को पुन: जीवित करना बेहद मुश्किल काम साबित हो रहा है ! ऐसे समय में जब देश भर के व्यापारियों के देख रेख बेहद जरूरी थी ऐसे में व्यापारियों को परिस्थितियों से लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है ! इस समय व्यापारियों को ऋण आसानी से मिले इसके लिए एक मजबूत वित्तीय तंत्र को तैयार करना बेहद जरूरी है !व्यापारियों को करों के भुगतान में छूट और बैंक ऋण, ईएमआई आदि के भुगतान के लिए एक विशेष अवधि दिया जाना और उस अवधि पर बिना कोई ब्याज अथवा पेनल्टी लगाए देने की जरूरत है जिससे बाजार में आर्थिक तरलता का प्रवाह हो ! इस सम्बन्ध में सबसे बुरी बात यह है कि दिसंबर से मार्च के महीने में आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं जिनका पेमेंट भुगतान पारस्परिक रूप से सहमत क्रेडिट अवधि के अनुसार मार्च महीने में हो जाना चाजिये था वो अभी तक नहीं हुआ है और उम्मीद ये की जाती है आगामी सितम्बर महीने में इसकी अदायगी होने की संभावना है वहीँ बैंको से आसान शर्तों एवं कम दर के साथ व्यापारों के सहायता देने की जरूररत है ! ऐसी स्थिति में अर्थशात्र का सिद्धांत कहता है की जब इनपुट कम होता है और आउटपुट अधिक होता है तब व्यापार टेवर गति से नीचे जाता है और लोग अपनी पूँजी खाना शुरू कर देते हैं को कोई अच्छा संकेत नहीं है ! इस दृष्टि से सरकारों द्वारा व्यापारियों के मुद्दे सुलझाना बहुत आवश्यक हैं !