मेरी कुण्डलिया
मुम्बई की दुनिया में, मच गया है धमाल।
बड़े – बड़े शातिर यहाँ, फैला ड्रग का जाल।।
फैला ड्रग का जाल, बड़े हीरो कहलाते।
करते ड्रग का पान, चरित्रवान दिखलाते।।
करता जग तारीफ, कठिन पराक्रमी दुनिया।
खुला तमस का राज, यह मुम्बई की दुनिया।।
प्रकाश चन्द्र बरनवाल
‘वत्सल’ आसनसोल