Bihar-Up-JharkhandPolitics

कांग्रेस विधायकों में जम कर चले जूते, चप्पल और गालियां

2 विधायक पहली बैठक में रहे गायब


बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता, पटना : कांग्रेस में टूट की खबरों को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के ऑफर से जोर मिला है। मांझी ने कॉन्ग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों को एनडीए में आने का ऑफर दिया था। गौरतलब है कि 2017 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हुए थे उसके बाद भी बिहार कांग्रेस में टूट देखने को मिली थी।

उस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी ने भी पाला बदल लिया था। बिहार कॉन्ग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक में जम कर हंगामा हुआ। कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक के दौरान दो विधायकों के समर्थक आपस में भिड़ गए।

विवाद की शुरुआत विक्रम से विधायक चुने गए सिद्धार्थ शर्मा को विधायक दल का नेता बनाने की माँग से हुई। इस मसले पर शर्मा और पार्टी के एक अन्य विधायक विजय शंकर दूबे के समर्थकों में हाथापाई हो गई। विधायक दल की यह बैठक बिहार की राजधानी पटना स्थित कॉन्ग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में हुई। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पाण्डेय भी मौजूद थे। इसके बावजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को अपशब्द कहे और मारपीट की।

विवाद तब और बढ़ गया जब विधायक सिद्धार्थ शर्मा के समर्थकों ने महाराजगंज से विधायक विजय शंकर दूबे को चोर कह दिया। इसके बाद दूसरे पक्ष के कार्यकर्ता भड़क गए और बैठक के बीच में ही गाली-गलौच और हाथापाई शुरू हो गई। हंगामा करने वाले कार्यकर्ताओं में कुछ का यह भी कहना था कि विधायक विजय शंकर दूबे ने कांग्रेस पार्टी की ज़मीन बेच दी थी इसलिए ऐसे नेता को विधायक दल का नेता नहीं बनाया जाना चाहिए।

दूसरी तरफ इन आरोपों के जवाब में विधायक विजय शंकर दूबे ने कहा कि ऐसे किसी की ज़मीन बेचना संभव नहीं है। न्यायालय ने राजेन्द्र स्मारक समिति के पक्ष में आदेश सुनाया था, कांग्रेस पार्टी ने यह मुकदमा लगभग 10 से 15 साल तक लड़ा था। अंत में जो भी हुआ वह न्यायालय के आदेशानुसार हुआ, इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।

कांग्रेस ने महागठबंधन के अंतर्गत कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से पार्टी ने सिर्फ 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके पहले साल 2015 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 27 सीटें ही जीती थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *