धर्म की राजनीति करनेवालों को पार्टी से निकालने की मांग
बंगाल मिरर, आसनसोल ः विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी के लिए मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है, एक ओर जहां टीएमसी के कुछ अल्पसंख्यक नेताओं ने आसनसोल उत्तर से अल्पसंख्यक उम्मीदवार देने की मांग की थी, वहीं आज दूसरे गुट के नेताओं ने उन नेताओं को बीजेपी का एजेंट बताते हुए पार्टी से निकालने की मांग की।
टीएमसी अल्पसंख्यक सेल के जिलाध्यक्ष सैय्यद अफरोज के नेतृत्व में बीएनआर टीएमसी भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर दूसरे गुट ने जवाबी हमला किया। सैय्यद अफरोज ने कहा कि सिटी आफ ब्रदरहुड कहे जाने वाले आसनसोल में यह शर्मनाक घटना है, जिन नेताओं ने भी यह किया, उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए, यह मांग वह लोग पार्टी सुप्रीमो तक पहुंचायेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात अगर कुछ थी तो पार्टी के अंदरूनी प्लेटफार्म पर रखनी चाहिए थी। इस तरह से जाति और धर्म की बात करना सही नहीं है।
बीजेपी के एजेंट का कर रहे काम
प्रदेश अल्पसंख्यक सेल के महासचिव शकील अहमद ने कहा कि जो लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं, वह लोग भाजपा के एजेंट हैं। भाजपा इनके माध्यम से ही अपने मंसूबे पूरा कर रही है। क्योंकि कभी उन्होंने भाजपा के नेताओं से पूछा था कि वह लोग अल्पसंख्यक बहुल इलाके में वोट मांगने क्यों नहीं जाते तो वह लोग कहते थे कि इसके लिए उनलोगों वहां कुछ लोगों को रखा है, अब समझ में आया कि वह लोग इनकी ही बातें करते थे।
अल्पसंख्यक का नाम लेकर चला रहे अपनी दुकान ः तबस्सुम
पूर्व उपमेयर तबस्सुम आरा ने कहा कि इन लोगों ने नगरनिगम में अल्पसंख्यक को चेयरपर्सन बनाने की मांग क्यों नहीं की। आसनसोल उत्तर ही क्यों अन्य विधानसभा कुल्टी, रानीगंज में अल्पसंख्यक उम्मीदवार की मांग क्यों नहीं कर रहे हैं। यह लोग अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी रोटी सेंक रहे हैं। अल्पसंख्यक का नाम लेकर यह लोग अपनी दुकान चला रहे हैं। मैं भी अल्पसंख्यक हूं मेरे लिए इनलोगों ने कभी आवाज क्यों नहीं उठायी।
हक की बात करना क्या गलत है : रबिउल
वहीं उस दिन प्रेस कांफ्रेंस में शामिल जिला उपाध्यक्ष रबिउल इस्लाम ने कहा कि अल्पसंख्यकों के बुनियादी हक की बात उठाने को जो लोग भी गलत कह रहे हैं, ऐसे लोगों की भूमिका को लेकर पार्टी नेतृत्व को विचार करना चाहिए। वह लोग सिर्फ यही चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा, नौकरी या अन्य मुद्दों को उचित मंच तक पहुंचाया जा सके। यह लोग बतायें कि कृषि, श्रम, विधि आदि में रेलपार के कितने युवाओं को नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि एक ओर यह लोग कह रहे है कि पार्टी के अंदरुनी मंच पर मसले को हल किया जाये, तो फिर यहां प्रेस कांफ्रेंस क्यों कर रहे हैं। जो लोग यह सब कह रहे हैं कि वह लोग पहले अपना राजनीतिक इतिहास भी देख लें।