बेनतीजा रही तृणमूल और शुभेंदु के बीच बातचीत
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उनके मंत्री शुभेंदु अधिकारी के बीच बातचीत बेनतीजा रही और इस संबंध में जल्द ही और बैठकें होने की संभावना है। अधिकारी फिलहाल पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं और राज्य मंत्रिमंडल की बैठकों में भाग नहीं ले रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दो घंटे तक चर्चा की
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय, जिन्हें अधिकारी के साथ बातचीत करने का काम सौंपा गया है, ने उत्तरी कोलकाता के एक स्थान पर मंत्री से मुलाकात की और लगभग दो घंटे तक चर्चा की। एक सप्ताह में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी बैठक है। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह एक खुली बैठक थी। यह बेनतीजा रही, लेकिन बहुत जल्द वार्ता के और दौर आयोजित होंगे।’’ हालांकि, रॉय और अधिकारी दोनों बैठक के बारे में कुछ नहीं बोले।
शुभेंदु के बगावती तेवर से परेशान
शुभेंदु के बगावती तेवर से परेशान है तृणमूल
तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर मंत्री तथा पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के दाहिने हाथ शुभेंदु अधिकारी बगावत की राह पर हैं। इससे जहां ममता बनर्जी खासी परेशान हैं, वहीं भाजपा ने शुभेंदु को पार्टी में शामिल होने के लिए खुला प्रस्ताव दे दिया है।
शुभेंदु की तरफ से बगावत का पहला इशारा पिछले दिनों नंदीग्राम में देखने को तब मिला, जब उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से अलग रैली कर ममता बनर्जी को खुली चुनौती दी। इस रैली में ममता बनर्जी का कोई पोस्टर नहीं था। इतना ही नहीं, रैली के आखिर में वह भारत माता की जय के नारे भी लगाते नजर आए। पिछले एक महीने से शुभेंदु की हर रैली में जो पोस्टर लगाए जा रहे हैं उनमें ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस, दोनों का ही नामोनिशान नजर नहीं आ रहा है।
भाजपा से करीबी के लगाए जा रहे हैं कयास
कयास लगाए जा रहे हैं कि शुभेंदु अधिकारी 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले अपना खुद का संगठन ख़़डा कर सकते हैं। इसके साथ ही उनके भाजपा से भी करीबी के कयास लगाए जा रहे हैं। उधर, भाजपा ने शुभेंदु को पार्टी में शामिल होने के लिए खुला प्रस्ताव दे रखा है। शुभेंदु काफी वक्त से पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं।
कुछ समय से जैसे–जैसे ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का राजनीति में प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे–वैसे शुभेंदु का कद घट रहा है। शुभेंदु इसी बात से नाराज हैं।