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बंगाल का 53 हजार करोड़ रोक रखी है केंद्र : मलय


बंगाल मिरर, आसनसोल/कोलकाता : बंगाल मॉडल पर सर्वे करने पहुंची पश्चिम बंगाल 10 दिवसीय दौरे पर पहुंचे रेबेल फाउंडेशन। रेबेल फाउंडेशन के संस्थापक श्रद्धानंद पंती से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के राजनीतिक काल के संघर्षों की व्याख्या करते हुए राज्य के श्रम एंव कानून मंत्री मलय घटक ने एक साक्षातकार के दौरान भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की नीति है की जब भी वो किसी राज्य में चनाव लड़ती है तो वो उस राज्य के स्थानीय राजनीतिक दलों को भड़काकर अपने पार्टी में शामिल करवाना।

मंत्री मलय घटक साक्षात्कार देते हुए

उन्होंने कहा के भाजपा के स्पोकपर्सन कई घोटालों में फंसे हैं। ऐसे में वो बंगाल के सबसे बड़े घोटाले में फंसे लोगों को अपनी पार्टी में क्यों रख रहे हैं। वो भ्रस्टाचार मुक्त बंगाल करने की बात करते है। इस दौरान श्री नंद ने मलय घटक से बंगाल की बिगड़ी आर्थिक स्थिति को लेकर जब सवाल किया तो मंत्री ने अपने जवाब में कहा के केंद्र सरकार राज्य के 53 हजार करोड़ रुपए रोक कर रखी है। अगर वो राज्य का बकाया दिया जाए तो बंगाल की आर्थिक स्थिति काफी हद तक सुधर जाएगी। राज्य की तमाम समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

43 सुपर स्पेसलिस्ट अस्पताल खोला गया, 42 यूनिवर्सिटी बनाए

मलय घटक ने कहा की ममता सरकार आने के बाद राज्य में 43 सुपर स्पेसलिस्ट अस्पताल खोला गया। 42 यूनिवर्सिटी बनाए गए। उन्होंने कहा की दीदी के नेतृत्व में ऐसे कई विकास कार्य किए गए हैं जिसको देखते हुए राज्य के तमाम तृणमूल नेता और कार्यकर्ता तृणमूल करते है। साथ ही बंगाल की उसी विकास कार्यों को देखते हुए बंगाल की जनता दीदी का समर्थन करती है। उनको पसंद करती है और हम भी दीदी के साथ हैं और बंगाल में घुसपैठ कर रही भाजपा से लड़ने का कार्य कर रहे है। हम किसी भी कीमत पर राज्य में भाजपा की हिंसात्मक सरकार बनने नही देंगे। बंगाल में जब भी सरकार बनेगी ममता बैनर्जी के ही नेतृत्व में सरकार बनेगी।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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