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भ्रष्टाचार के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: भ्रष्टाचार के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर। क्या आपको पता है कि साल 2020 में जब भ्रष्ट देशों की सूची बनाई गई तो उसमें भारत दो स्थान नीचे चल गया। अब 180 देशों की लिस्ट में भारत 80 में पायदान पर है, जबकि साल 2018 में भारत 78 नंबर पर था । लेकिन फिर भी स्थिति कोई बहुत बेहतर नहीं है खुश होने जैसी कोई बात नहीं है। भारत में अनेक समस्याएं है। जिसके कारण देश की प्रगति धीमी है, उसमें प्रमुख है बेरोजगारी, गरीबी,अशिक्षा आदि। वर्तमान में सबसे ज्यादा अगर कोई देश के विकास को बाधित कर रहा है तो वह भ्रष्टाचार की समस्या।

लोकतंत्र की जड़ों को खोखला कर रहा भ्रष्टाचार

लोकतंत्र की जड़ों को खोखला करने का कार्य काफी समय से इसके द्वारा हो रहा है । इस समस्या की यह स्थिति है कि इसके लिए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री तक को कहना पड़ गया था कि रुपए में मात्र 20 पैसे से ही दिल्ली से आम जनता तक पहुंच पाता है।जैसे ही अंग्रेजी दासता से मुक्ति मिलने वाली थी खुली हवा में सांस लेने का मौका मिलने वाला था उसी समय देश का विभाजन कर दिया और उसमें स्पष्ट हो गया था कि कुछ राजनीतिक लोग सत्ता की भूख को शांत करने के लिए देश हित को ताक में रखने के लिए तैयार हो गए हैं।

वर्तमान स्थिति में दृष्टि डालें तो भ्रष्टाचार ने पूरे राष्ट्र को अपने आगोश में ले लिया है । वास्तव में भ्रष्टाचार के लिए आज सारा तंत्र से जिम्मेदार है। एक आम आदमी भी किसी सरकारी कार्यालय में अपना काम करवाने के लिए सामने वाले बंदे को बंद लिफाफा थमाने को तैयार है। 100 में से 80 आदमी इसी तरह कार्य करवाने की फिराक में है और जब एक बार किसी को अवैध ढंग से ऐसी रकम मिलने लग जाए तो निश्चित ही उसकी लालच और बढ़ेगी और उसी का परिणाम आज सारा भारत देखा है।

आम नागरिक और उसके नेतृत्व दोनों मिलकर ही मिटा सकेंगे भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार में सिर्फ भ्रष्टाचार में सिर्फ शासकीय कार्यालयों में लेने देने वाले घूस को ही शामिल नहीं किया जा सकता। इसमें सर्वाधिक प्रभाव राजनेताओं का ही दिखाई देता है, यहतब देखने को मिला जब द्वारा संसद भवन में सविल पूछने के लिए रिश्वत का मामला टीवी चैनलों द्वारा प्रदर्शित किया गया । देश में चारा घोटाला, ताबूत घोटाला, आदर्श घोटाला, हवाला घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला उदाहरण मात्र है भारत को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए लोगों को आगे आकर भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास कर समाज को दिशा निर्देश देना चाहिए। यदि भ्रष्टाचार मिटाना है स्वच्छ नेताओं का चयन करना होगा। टेबल के नीचे बातचीत निपटाने की प्रवृत्ति से बचना होगा । कुल मिलाकर जब तक लोकतंत्र में आम नागरिक और उसके नेतृत्व दोनों ही मिलकर यह नहीं चाहेंगे तब तक भ्रष्टाचार के दिन से बच पाना असंभव ही है।

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