ममता का दावा : ताजपुर बंदरगाह में होगा 15 हजार करोड़ का निवेश
बंंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो कोलकाता : राज्य में 2021 में आसन्न बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक और बड़ा दावा किया है। राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ताजपुर बंदरगाह के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। आयरन और स्टील का निर्यात बढ़ेगा। खड़गपुर से सटे क्षेत्र में इस्पात उद्योग बढ़ेगा। मछुआरों के घर में पैसा आएगा।
![](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2024/05/img-20240520-wa01481045365085360283686-500x428.jpg)
![](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2024/09/img-20240909-wa00806721733580827251668.jpg)
![](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2024/12/fb_img_17339279922403722767543487143310-476x500.jpg)
![দুর্গাপুজার জন্য মমতার একগুচ্ছ উপহার](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2020/08/Mamata_PTI-500x250.jpg)
भाजपा कर रही बंगाल का अपमान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोबल पुरस्कार से सम्मानित और प्रख्यात अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन पर विश्वभारती विश्वविद्यालय के द्वारा जमीन कब्जाने के आरोप लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर्त्य सेन का अपमान किया जा रहा है। सेन का अपमान बंगाल का अपमान है। अमर्त्य सेन का अपमान करने वालों को क्षमा मांगनी होगी। ममता बनर्जी ने कहा कि अमर्त्य सेन बंगाल के गौरव हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, अभिजीत विनायक, अमर्त्य सेन, मदर टेरेसा ने नोबेल पुरस्कार दिलवाया है। आप क्या विश्वास करते हैं, ऐसा कभी होगा कि शांति निकेतन में जमीन दखल करेंगे? उनका परिवार 70-80 साल से बोलपुर में रह रहा है। इतने दिन तक वे (भाजपा) कहां थे।
उन्होंने कहा कि अमर्त्य सेन भाजपा की नीतियों के खिलाफ हैं, लेकिन उन्हें अमर्त्य सेन को अपमानित करने का अधिकार नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि कुकत्थ, असत्य, अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुझ पर आघात करते-करते अब बंगाल के विभूतियों का भी अपमान कर रहे हैं, जो बंगाल को अपमान कर रहे हैं, उन्हें क्षमा मांगनी होगी। उन्होंने बुद्धिजीवियों से अह्वान करते हुए कहा कि वे इसके खिलाफ एकजुट हों।
उल्लेखनीय है कि विश्वभारती विश्वविद्यालय ने एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें गैर-कानूनी ढंग से जमीन कब्जाने वालों के नामों का खुलासा किया गया है। इसमें अमर्त्य सेन का नाम भी शामिल है। प्रोफेसर सेन के मामले में विश्वविद्यालय ने कहा कि विश्व भारती की ओर से सेन के दिवंगत पिता को कानूनी तौर पर लीज़ पर दी गई 125 डेसीमल जमीन के अलावा 13 डेसीमल जमीन पर भी उनका अनधिकृत कब्जा है।
ममता ने किया था गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के अपमान : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के अपमान का करने आरोप लगाया। विश्व भारती विश्वविद्यालय में शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उन पर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करने का आरोप लगाया है।
ममता ने दावा किया था कि उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसके जवाब में भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से आमंत्रण पत्र साझा किया है। इसमें कहा है कि गुरुदेव द्वारा स्थापित संस्था में भी आमंत्रण मिलने के बावजूद ममता लगातार झूठ बोल रही हैं। वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं और राजनीति कर रही हैं। यह गुरुदेव का अपमान है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
नंदीग्राम में अब ममता करेंगी शक्ति प्रदर्शन
नंदीग्राम आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे राज्य के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के भारतीय जनता पार्टी में जाने के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में जनसभा करने जा रही हैं। दरअसल नंदीग्राम आंदोलन ही वह आधार था जिसके जरिए ममता बनर्जी को 2011 में 33 सालों के माकपा शासन को उखाड़ फेंकने का मौका मिला था। 2007 के इस आंदोलन का मुख्य चेहरा शुभेंदु अधिकारी थे और विपक्ष की मुख्य नेत्री के तौर पर ममता बनर्जी ने आंदोलनकारियों के पक्ष में खड़े होकर तत्कालीन माकपा सरकार के खिलाफ हल्ला बोला था।
यही पुलिस की बर्बरता से राज्य भर में ममता के पक्ष में माहौल बना था। इस आंदोलन के मुख्य सूत्रधार शुभेंदु अधिकारी अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। कई बार वह कह चुके हैं कि नंदीग्राम आंदोलन में ममता की कोई भूमिका नहीं थी बल्कि यहां के स्थानीय लोगों ने आंदोलन किया था। वह नंदीग्राम के लोगों को आश्वस्त कर चुके हैं कि यहां लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे।
लगातार दावा किया जाता है कि अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस ने केवल कमजोर हो गई है बल्कि इस बार विधानसभा चुनाव में वहां पार्टी को बहुत कम संख्या में वोट मिलेंगे। शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम से विधायक भी रहे हैं। हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया है। इस लिहाज से वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद ही जनसभा करने जा रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि आगामी वर्ष की शुरुआत में सात जनवरी को ममता बनर्जी की नंदीग्राम में सभा है। इसके लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस वहां अधिक संख्या में भीड़ एकत्रित करने की कोशिश करेगी ताकि भाजपा पर दबाव बनाया जा सके। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल और भाजपा में एक दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइस जारी रहने वाली है।