ओवैसी का चक्रव्यूह भेदने की जिम्मेदारी मलय को
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की इंट्री ने तृणमूल की चिंतायें बढ़ा दी है। भले ही टीएमसी सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। वह चक्रव्यूह को भेदने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपने भरोसेमंद सिपेहसालार राज्य के श्रम व कानून मंत्री मलय घटक को जिम्मेदारी सौंपी है।
बंद कमरे में ताहा और मंत्री मलय घटक की बैठक
एक ओर फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी और असादुद्दीन ओवैसी के बीच रविवार सुबह बैठक हुई थी । वहीं रात को राज्य के श्रम व कानून मंत्री मलय घटक ने फुरफुरा शरीफ के पीरजादा ताहा सिद्दीकी के साथ बैठक की।उसी दिन, फुरफुरा शरीफ के दो पीरजादों के साथ दोनों दलों के नेताओं की बैठक हुई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वह अब्बास के साथ गठबंधन में राज्य में अगले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। रविवार रात एक बंद कमरे में ताहा और मंत्री मलय घटक के बीच मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली। लेकिन इस मामले में जो चर्चा हुई वह सामने नहीं आई।
ताहा सिद्दीकी बैठक के बारे में कुछ खास नहीं कहना चाहते । उन्होंने कहा, “मेरे घर के बगल में एक क्लब में डे नाइट की फुटबॉल प्रतियोगिता थी। मलय घटक को वहां आमंत्रित किया गया था। वह मुझे घर के रास्ते पर मिले। शिष्टाचार-मुलाकात हुई। ’’ इस बारे में, अब्बास सिद्दीकी ने कहा, “तृणमूल के लोग लंबे समय से वहां आ रहे हैं। फुरफुरा शरीफ एक तीर्थ स्थल है। कोई भी आ सकता है इस संबंध में,कुछ नहीं कहना है।
”तृणमूल राज्य में मुस्लिम वोटों में विभाजन की आशंका जता रही है क्योंकि एमआईएम ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस तरह से एमआईएम भाजपा को फायदा पहुंचा रही है। ताहा शुरू से ही अब्बास की नई पार्टी के गठन और चुनाव लड़ने के फैसले के आलोचक रहे हैं। वह तृणमूल के समर्थन में ही दिखते है। इस स्थिति में, ताहा के साथ श्रम मंत्री की बैठक ने अटकलों को बढ़ा दिया है।