बेटे ने रचा Kidnapping का नाटक, पिता से मांगे 10 लाख, झारखंड से बरामद
बंगाल मिरर, एस सिंह, क्राइम रिपोर्टर आसनसोल : : अपने पिता से 10 लाख रुपये लेने के लिए, बेटे ने खुद अपने ही अपहरण Kidnapping का नाटक रचा। आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया है। चितरंजन थाना की पुलिस ने फर्जी अपहृत मुकेश की तलाश में निरसा के गांव में छापेमारी कर बुधवार रात को उसे बरामद किया। जिसके बाद छानबीन के दौरान पता चला कि उसने खुद अपने अपहरण का नाटक रचा था।
कोर्ट ने उसे उसके पिता के पास भेजने का निर्देश दिया
पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुवार अहले सुबह पुलिस मुकेश को लेकर चितरंजन आई। उसे कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने उसे उसके पिता के पास भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट में युवक का कलमबंद बयान दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि चितरंजन शहर के 40 नंबर स्ट्रीट के 5 डी क्वार्टर निवासी मुकेश चक्रवर्ती बुधवार की सुबह काम पर जाने के लिए घर से निकला था। दो घंटे में वह वापस लौटने वाला था। लेकिन वह शाम तक नहीं लौटा। उसका मोबाइल भी बंद था।
शाम करीब साढ़े सात बजे मुकेश ने खुद अपने पिता रेलकर्मी संतोष चक्रवर्ती एवं अन्य लोगों को फोन कर बताया कि आसनसोल जाने के क्रम में बाइपास में एक काले रंग की गाड़ी में कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। उसकी पिटाई कर और भूखे पेट धनबाद में किसी घर में बंद कर रखा है। उसने बताया कि अपहरणकर्ता 10 लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं।
यह सुनकर परिजन चिंतित हो गये। वह लोग चितरंजन थाना गये और पुलिस को सारी बात बताकर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने मुकेश के मोबाइल लोकेशन को ट्रैक कर छानबीन शुरू की। देर रात करीब दो बजे झारखंड के निरसा के मारकूड़ा गांव में छापा मारकर पुलिस ने मुकेश को बरामद किया।
बताया जाता है कि इस गांव में मुकेश के पिता संतोष चक्रवर्ती के मामा अशोक बनर्जी का घर है। उनके घर से ही मुकेश को बरामद किया गया है। वहां वह आराम से सो रहा था। वहीं अशोक बनर्जी को अपहरण के बारे में कुछ जानकारी ही नहीं थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुकेश ने अपने पिता से रुपये ऐठने के लिए ही मुकेश ने अपने अपहरण का नाटक रचा था। जब वह अपने अपहरण की बात कर रहा था, तो कभी कुल्टी, कभी धनबाद तो कभी दिल्ली में होने की बात कह रहा था। इससे ही पुलिस को उसको पर शक होने लगा था। वह पहले एक निजी बैंक में काम करता था। किसी कारणवश उसकी नौकरी चली गयी।
फिर वह एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करने की बात कहता था, लेकिन वह उसमें काम ही नहीं करता था। मुकेश ने 10 लाख रुपये के लिए अपने अपहरण की साजिश क्यों रची यह पता नहीं चल पाया है। उसके पिता संतोष चक्रवर्ती ने कहा कि कुछ समझ नहीं आ रहा है, कि उसने ऐसा क्यों किया।
खुद रचा अपहरण का नाटक: डीसीपी
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस के डीसीपी विश्वजीत महतो ने कहा कि मुकेश ने खुद अपने अपहरण की जानकारी घरवालों को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे उसके पिता के मामा घर से बरामद किया। अदालत के निर्देश पर उसे उसके पिता के पास भेज दिया गया। उसका बयान दर्ज किया गया है।