पाइपलाइन के चालू होने से ESSAR की राह आसान, कोयले की गैस को उर्वरक संयंत्र तक पहुंचाने में मिली मदद
बंगाल मिरर, दुर्गापुर: पाइपलाइन के चालू होने से एस्सार की राह हुई आसान, कोयले की
गैस को उर्वरक संयंत्र तक पहुंचाने में मिली मदद
डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन के चालू होने से एस्सार को आसानी हो गई है। अब कंपनी को कोयले से उत्पन्न गैस को पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर उर्वरक संयंत्र तक पहुँचाने में मदद मिली है। इससे राज्य की यूरिया संबंधी जरूरत को पूरा करने में भी आवश्यक मदद मिली है।
कंपनी ने कहा कि यह पाइपलाइन रानीगंज कोल-बेड मीथेन (सीबीएम) ब्लॉक से दुर्गापुर में मेटिक्स उर्वरक संयंत्र तक गैस निकालने में मदद करेगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गेल द्वारा निर्मित 348 किलोमीटर लंबी डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया था।
एस्सार कैपिटल के डायरेक्टर प्रशांत रुइया ने कहा, ‘‘माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही एक विजन साकार हो गया है। हमारे रानीगंज ब्लॉक की ओर 5,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, यह एस्सार के लिए एक बड़े सम्मान की बात है कि हम देश को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के इस विजन का हिस्सा बने हैं।’’
रानीगंज ब्लॉक से गैस गेल इंडिया को उपलब्ध कराई जाएगी
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार का भी आभार व्यक्त किया, जिसने वर्षों तक अपने सतत विकास कार्यों को जारी रखा और प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में जरूरी परिवर्तन में मदद करने के लिए मजबूत कदम उठाए।
उन्होंने कहा, ‘‘डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के संचालन के साथ, ईओजीईपीएल के रानीगंज ब्लॉक से गैस गेल इंडिया को उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे क्षेत्र के लोगों को अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ उर्वरक की उपलब्धता में मदद मिलेगी।’’
एस्सार का मतलब एस्सार ऑयल एंड गैस ई एंड पी लिमिटेड है।
कंपनी पश्चिम बंगाल में रानीगंज ईस्ट कोल बेड मीथेन (सीबीएम) ब्लॉक का संचालन करती है। अगस्त 2018 में, ईओजीईपीएल ने ब्लॉक से उत्पादित गैस को बेचने के लिए 15 साल की अवधि के लिए राज्य के स्वामित्व वाली गैस यूटिलिटी गेल (इंडिया) लिमिटेड के साथ गैस सेल एंड परचेज एग्रीमेंट (जीएसपीए) पर हस्ताक्षर किए थे।
कंपनी पिछले साल रानीगंज एसेट में 1.2 मिलियन मानक क्यूबिक मीटर प्रति दिन की उत्पादन क्षमता तक पहुंच गई थी। हालांकि एक निरंतर गैस बाजार की कमी के कारण इसे उत्पादन को प्रतिबंधित करना पड़ा।
अब गेल पाइपलाइन के चालू होने के साथ, कंपनी मौजूदा कुओं से उत्पादन को 1.6 एमएमएससीएमडी तक बढ़ाने पर विचार कर रही है।
250 अतिरिक्त कुओं के बैलेंस ड्रिलिंग
कंपनी द्वारा अपनी वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 2.6 एमएमएससीएमडी की बिक्री की मात्रा प्राप्त करने के लिए विस्तार योजना के हिस्से के रूप में लगभग 250 अतिरिक्त कुओं के बैलेंस ड्रिलिंग और इससे संबंधित विकास कार्य शुरू करने की योजना बनाई गई है।
एस्सार कैपिटल के ऑपरेटिंग पार्टनर बी सी त्रिपाठी ने इस घटना को पूर्वी भारत के लोगों के लिए एक ‘वाटरशेड मोमेंट’ बताया, जो अब स्वच्छ और हरित ईंधन की सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा गंगा पाइपलाइन के माध्यम से गैस की सप्लाई करने वालों में एस्सार भी शामिल है और हमें इस सम्मान पर गर्व है। हमें यकीन है कि इससे अब पूर्वी क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा और सरकार की पूर्वोदय पहल के अनुरूप समृद्धि और वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।’’
ईओजीईपीएल के सीईओ संतोष चंद्रा ने कहा कि कंपनी पूर्वी भारत में जीएआईएल के प्राथमिक साझेदारों में से एक है, जो महत्वाकांक्षी ऊर्जा गंगा पाइपलाइन को गैस आपूर्ति का काम करेंगे, जिसका उद्घाटन हाल ही प्रधानमंत्री ने किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की हमारे प्रधानमंत्री की दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के मिशन के साथ सही रास्ते पर है, और हम हमारी कोल बेड मीथेन गैस के उत्पादन के जरिये स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने की राह में स्वदेशी गैस का अधिक से अधिक योगदान करेंगे।’’