डीजीपी को हटाने पर तृणमूल का आयोग पर निशाना
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो : विधानसभा चुनाव से पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग का डंडा चला है अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग के निर्देश पर राज्य पुलिस के महानिदेशक विरेंद्र को उनके पद से हटा दिया गया है उनकी जगह पी निरंजन को राज्य का डीजीपी नियुक्त किया गया है इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है तृणमूल ने चुनाव आयोग पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया है।
सूत्रों ने बताया कि यह फैसला ऐसे वक्त किया गया जब कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया था कि वीरेंद्र सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रति झुकाव रखते हैं। आदेश में कहा गया, ‘आयोग को कल (बुधवार) सुबह 10 बजे तक अनुपालन के बारे में जानकारी दी जाए.’ आयोग ने हाल में जावेद शमीम को पश्चिम बंगाल के एडीजी (कानून-व्यवस्था) पद से हटा दिया था और उनके स्थान पर जगमोहन की तैनाती की थी। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान की शुरूआत 27 मार्च को होगी और आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने का आदेश दिया और उनके स्थान पर पी नीरजनयन की नियुक्ति की। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को भेजे निर्देश में कहा कि वीरेंद्र को ऐसा कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनावों से जुड़ा हो।
पी नीरजनयन पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में वे डीजी प्रशासनिक पद पर कार्यरत हैं. आयोग ने यह फैसला निष्पक्ष चुनाव कराने के दृष्टिकोण से लिया है. राज्य में 27 मार्च को पहले चरण की वोटिंग है. वहीं इस बार बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होने है.
बता दें कि इससे पहले, निरजनयन तब चर्चा में आए थे, जब केंद्र सरकार और ममता बनर्जी के बीच मतभेद हुआ था. उस समय पी नीरजनयन सहित तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना था, लेकिन केंद्र और बंगाल सरकार के बीच टकराव के कारण यह संभव नहींं हो सका.