बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू, जानिए किन-किन देशों में वैक्सीन को मिली मंजूरी
बंगाल मिरर, आसनसोल: पटना एम्स में बच्चों पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। अब तक 3 बच्चे इस वैक्सीन ट्रायल में शामिल हो चुके हैं। पटना एम्स के कोविड प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार ने बीते बुधवार को कहा कि 12 से 17 वर्ष की उम्र तक के बच्चों पर यह परीक्षण मंगलवार से शुरू किया गया। पहले दिन कल तीन बच्चों को इसका इंजेक्शन दिया गया है। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद ये तीनों बच्चे स्वस्थ हैं। अगले एक महीने में 525 बच्चों पर इस तरह का ट्रायल किया जाना है। जिसमें से करीब 100 बच्चों (वालंटियर) ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है। इनकी स्क्रीनिंग के बाद चुने गए तीन बच्चों पर ट्रायल किया गया।
दूसरे चरण में बच्चों पर वैक्सीन का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखने पर तीसरे चरण के तहत टीके की खुराक दी जाएगी और उसके प्रभावी पाए जाने पर टीके को अनुमोदन के लिए भेज दिया जाएगा। वैक्सीन ट्रायल में शामिल होने वाले बच्चों को 700 रुपये प्रोत्साहन राशि और प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
इसी बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर का टीका बच्चों को भी लगाया जा सकता है। कई देशों में इसका ट्रायल चल रहा है। जल्द ही इसके नतीजे आने लगेंगे। ऐसे में भारत में मंजूरी मिलने के बाद इसका इस्तेमाल बच्चों पर भी किया जा सकता है।
ब्रिटेन में आज मिली है मंजूरी
ब्रिटेन के रेगुलेटर ने फाइजर-बायोएनटेक की तरफ से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन को 12 से 15 साल के किशोर आयुवर्ग को लगाने की मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन के दवा नियामक ने इस बात की जानकारी देते हुए शुक्रवार को कहा कि काफी गहन समीक्षा के बाद यह पाया गया कि फाइजर-बायोटेकी की वैक्सीन 12-15 साल के किशोर के लिए सुरक्षित है। इसी तरह का आकलन अमेरिकी और यूरोपीय यूनियन की तरफ से भी फाइजर की वैक्सीन के लिए किया गया था। बताना चाहेंगे कि यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (ईएमए) ने फाइजर और बायोएनटेक की ओर से विकसित कोरोना वायरस रोधी टीकों को 12 से 15 साल तक के बच्चों को लगाये जाने की पिछले महीने ही सिफारिश की थी।
फाइजर-बायोटेक के टीके को 27 देशों के यूरोपीय संघ में सबसे पहले मंजूरी मिली थी और बीते साल दिसंबर में 16 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को लगाने के लिए इसे लाइसेंस प्रदान किया गया था।
टीके की समीक्षा करने वाली EMA के प्रमुख मार्को कावलेरी ने कहा, ‘‘एक सुरक्षित और प्रभावी टीके की सुरक्षा किशोर आबादी को प्रदान करना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के नियामक को बच्चों और किशोरों के लिए टीके के इस्तेमाल को मंजूरी देने के लिए आवश्यक आंकड़े मिले थे और उन्होंने इसे कोविड-19 के खिलाफ अत्यंत प्रभावशाली पाया है।
कई देशों में बच्चों को टीका लगाने की मिल चुकी है मंजूरी
इससे पूर्व अमेरिका में भी फाइजर वैक्सीन को 12 साल तक के बच्चे को लगाने की अनुमति दी चुकी है। मई में 2,000 से अधिक अमेरिकी वॉलंटियर्स पर किये गये ट्रायल्स के आधार पर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा था कि फाइजर वैक्सीन सुरक्षित है और 12 से 15 साल के किशोरों को मजबूत सुरक्षा देता है। बताना चाहेंगे कि फाइजर और इसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक ने हाल ही में यूरोपीय संघ में बच्चों के वैक्सीनेशन की अनुमति मांगी है।