Coal India News : 70 फीसदी खदान चल रही घाटे में, कोयला मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट
बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Coal India News ) कोल इंडिया में कुल 341 कोयला खदानें चल रही हैं, जिसमें मात्र 102 कोयला खदान ही लाभ में चल रही है। वहीं कुल खदानों की लगभग 70 फीसदी 239 कोयला खदान घाटे में चल रही हैं। सूत्रों के अनुसार कोयला खदानों की स्थिति की पूरी जानकारी से संबंधित एक रिपोर्ट कोल इंडिया प्रबंधन ने कोयला मंत्रालय को भेजा है।
घाटे से उबारने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने खदानों की मशीनीकरण कर मुनाफे में लाने का प्रयास करने संबंधी रिपोर्ट भी भेजी है। कोल इंडिया के अाधिकारिक सूत्रों ने बताया की ईसीएल की 23 कोयला खान घाटे में चल रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार,भूमिगत खदान सबसे अधिक घाटे में हैं। यह आंकड़ा कोल इंडिया द्वारा कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में दिया गया है।
सूत्रों ने बताया की कोल इंडिया की तीन प्रमुख अनुषंगी कंपनियां ईसीएल, बीसीसीएल एवं सीसीएल में कोयला उत्पादन करने में कंपनी को अधिक लागत लग रही है। घाटे वाली खदानों की स्थिति बेहतर करने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने टीम का गठन किया है। इसमें आइआइटी, आइएसएम, सीएमपीडीआइएल, कोल इंडिया व संबंधित कंपनी के अधिकारियों को रखा गया।
अधिक घाटे के कारण भूमिगत खदानों पर बंदी का खतरा
( Coal India News ) कोल इंडिया प्रबंधन अभी अधिक से अधिक कोयला उत्पादन कम लागत पर करना चाहता है, इसलिए अब कोल इंडिया प्रबंधन खुली खदानों पर विशेष ध्यान तथा भूमिगत खदानों पर कम ध्यान दे रहा है। जानकारों नें बताया की कोल इंडिया प्रबंधन भले ही खुली खदानों पर जोर दे रहा है परंतु खुली खदानों का भविष्य 25-30 वर्ष तक का है जबकि भूमिगत खदानों का जीवन सौ साल से अधिक का है। इसके बावजूद प्रबंधन अधिक घाटे में चलने वाली भूमिगत खदानों को बंद करने पर भी विचार प्रारंभ कर दिया है।
प्रबंधन उन भूमिगत खदानों की चलाने की योजना बना रहा है, जहां मशीनीकरण से खदानों को लाभ मिल सके। फिलहाल प्रबंधन 53 खदानों की अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर रहा है। कोल इंडिया ने प्रथम चरण के लिए ऐसे 23 माइंस की सूची बनाई है, जिसमें ईसीएल के आठ कोयला खान भी शामिल हैं।
ईसीएल की कोयला खदानें जो हैं लाभ की स्थिति में
( Coal India News ) ईसीएल प्रबंधन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईसीएल की मुनाफे वाली कोलियरियों में झांझरा, माधवपुर,जामबाद, शंकरपुर, महावीर कोलियरी, नॉर्थ सियारसोल कापासारा, निरसा, रजपुरा, राजमहल, सोनपुर बाजारी, खुट्टाडीह, ईटा पाडा, बनजेमीयारी, बेगुनिया मोहनपुर, चित्रा व काली पहाड़ी आदि शामिल। इस मामले में कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक विनय दयाल नें कहा की घाटे व मुनाफे वाले खदानों की सूची तैयार कर ली गई है। उसे कैसे बेहतर किया जाए इस पर अध्ययन किया जा रहा है। भूमिगत खदानों की मशीनीकरण करने को लेकर ध्यान दिया जा रहा है। सभी कंपनियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिये गये हैं।
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