सिखों ने वैशाखी मनाई, खालसा पंथ का स्थापना दिवस
बंगाल मिरर, रानीगंज / सिखों ने वैशाखी मनाई। खालसा पंथ की स्थापना दिवस के अवसर पर अमृतधारी काजी नजरूल विश्वविद्यालय की एलएलबी की छात्रा जसरमण कौर खालसा ने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में की थी। इसकी स्थापना पंजाब के आनंदपुर साहिब शहर में वैशाखी पर्व के दिन की गई थी। गुरुजी ने इस दिन अपनी फौज तैयार की थी जिसका नाम उन्होंने खालसा रखा था । खालसा का अर्थ है, “खालिस” और इस पंथ के माध्यम से गुरु जी ने जात-पात से ऊपर उठकर समानता, एकता राष्ट्रीयता बलिदान एवं त्याग का उपदेश दिया खालसा को अकाल पुरूष की फौज कहा गया ।
खालसा पंथ की स्थापना उन्होंने 5 सिखों को अमृतपान करवा कर तथा उन पांचों से स्वयं अमृत पान करके की थी। इस तरह उन्होंने एक अनूठी मिसाल पैदा की थी। इसी समय उन्होंने खालसा पंथ को 5 ककारों से नवाजा था जिनमें कड़ा, कच्छैरा, कृपाण, केस और कंघा शामिल थे। गुरु जी द्वारा सजाए गए “पंज प्यारे”, जो पहले तो अलग-अलग जाति के थे, उन्हें ‘सिंह’ की उपाधि देकर ‘सिख’ बनाया गया. इसके साथ ही उन्हें भाई की उपाधि भी दी गई. वह ‘पंज प्यारे’ भाई दया सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह और भाई साहिब सिंह के नाम से जाने जाते हैं। गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा था – खालसा मेरो रूप है खास, खालसा में हुँ करो निवास।