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BJP की बी टीम का काम कर रही कांग्रेस-सीपीएम, पार्थ पर शर्मिंदा, सभी टीएमसी नेता चोर नहीं : फिरहाद

मंत्रियों ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा सूची में और भी नाम, आधी जानकारी देकर किया जा रहा भ्रमित

बंगाल मिरर, कोलकाता : संपत्ति वृद्धि के मामले को लेकर  तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार किया है। ब्रात्या-फिरहाद ने आरोप लगाया कि विपक्ष उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। सत्तारूढ़ दल का यह भी दावा है कि इस मामले में अधीर रंजन चौधरी, सूर्यकांत मिश्रा, अबू हेना, नेपाल महतो, अशोक भट्टाचार्य जैसे कई अन्य राजनीतिक नेताओं का नाम है।

बुधवार को मंत्री फिरहाद हाकिम, ब्रत्य बसु, ज्योतिप्रिया मलिक, मलय घटक, शिउली साहा, अरूप रॉय ने विधानसभा में एक साथ पत्रकारों को संबोधित किया किया।  फिरहाद हाकिम ने तृणमूल पर एकतरफा हमले का आरोप लगाते हुए कहा, ”मैंने चुनावी हलफनामे में सभी आय-व्यय का हिसाब दिया है. आयकर विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कमाना, संपत्ति बढ़ाना गलत नहीं है। यह जनहित का मामला नहीं है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए बनाया गया केस कांग्रेस-सीपीएम बीजेपी की बी टीम बनकर  कर रही है. आप आधी जानकारी क्यों उजागर कर रहे हैं?” पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए फिरहाद ने दावा किया, ‘पार्थ ने जो किया उससे हम शर्मिंदा हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी टीएमसी नेता चोर हैं।”

ब्रत्य बसु का दावा है कि विपक्ष चुनाव हारने के बाद गंदी राजनीति कर रहा है। इसका बुरा प्रभाव हर जगह फैल रहा है। ब्रात्य बसु ने आगे दावा किया कि संपत्ति वृद्धि की सूची में अधीरंजन चौधरी, सूर्यकांत मिश्रा, अशोक भट्टाचार्य, कांति गंगोपाध्याय, अबू हेना, फणीभूषण महतो, धीरेन बागदी, रूपरानी मंडल, तरुणकांति घोष, चंदन साहा, नेपाल महतो, मोहित सेनगुप्ता जैसे राजनेता शामिल हैं।  “हम सीपीएम, कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी पर टिप्पणी नहीं करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।”

गौरतलब है कि बिप्लब कुमार चौधरी और अनिंद्य सुंदर दास नाम के दो लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। मामले की मुख्य बात यह रही कि 2011 के बाद से सत्ताधारी दल के नेताओं और मंत्रियों की संपत्ति की गणना की गई है, प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति एक हजार गुना तक बढ़ गई है। जनप्रतिनिधियों के चुनावी हलफनामे में दिखाई गई संपत्ति की राशि में अगले 5 वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। यह कैसे बढ़ता है? इस सवाल को उठाते हुए 2017 में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। नाम ज्योतिप्रिया मल्लिक, मलय घटक, गौतम देव, इकबाल अहमद, फिरहाद हकीम, स्वर्ण कमल साहा, ब्रत्य बसु, जावेद खान, अरूप रॉय, अब्दुर रज्जाक मुल्ला, राजीव बनर्जी, सब्यसाची दत्ता, शिउली साहा और बिमान बनर्जी हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की एक खंडपीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले में एक पक्ष होने का निर्देश दिया है क्योंकि मामला संपत्ति के बारे में है।

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