West Bengal

Anubrata Mondal : मछली विक्रेता से किंगमेकर तक का सफर

बंगाल मिरर, एस सिंह : अनुब्रत मंडल पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह नाम ही काफी है बीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस जिला अध्यक्ष तो कोई बाहुबली तो कोई दबंग तो कोई किंगमेकर कहता है लेकिन इसके पीछे की कहानी जो उन्हें करीब से जानने वाले हैं या फिर बीरभूम के लोग हैं वही जानते हैं कि कहते अनुव्रत मंडल एक मछली बेचने वाले से किंगमेकर बने ।मवेशी तस्करी कांड में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अनुब्रत मंडल जैसे एक बार फिर से अर्श से फर्श पर आ गए । उनकी सारी बाहुबली और दबंगई धरी की धरी रह गई वह जैसे कागज के शेर बनकर रह गए ।

बताया जाता है कि उनके पिता की किराने की दुकान थी । अनुब्रत ने आठवीं तक की पढ़ाई बाद पिता की दुकान संभालने लगे । बाद में दुकान छोड़कर मछली का व्यवसाय शुरू किया । उसी समय राजनीति में शामिल हुए । अनुब्रत कांग्रेस से जुड़ गए । उस समय ममता बनर्जी भी कांग्रेस में ही थीं । उसी समय ममता की नजर अनुब्रत पर पड़ी । अनुब्रत बहुत जल्द ममता के खास लोगों में से एक बन गए । ममता प्यार से उन्हें ‘ केष्टो कहकर बुलाती हैं ।

तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है । अनुब्रत को करीब से जानने वाले बताते हैं कि वह पहले मछलियां बेचा करते थे । वहीं से आगे चलकर न सिर्फ तृणमूल के प्रभावशाली नेता बने बल्कि अरबों की संपत्ति के मालिक 1998 में जब तृणमूल कांग्रेस का गठन हुआ तो अनुब्रत भी उसमें शामिल हो गए । उस समय तृणमूल के बीरभूम जिलाध्यक्ष चिकित्सक सुशोभन बंद्योपाध्याय थे । ममता ने अनुब्रत को युवा तृणमूल का जिलाध्यक्ष बनाया था ।

कुछ महीने बाद एक विवाद को लेकर सुशोभन ने तृणमूल छोड़ दी । ममता ने उनकी जगह अनुव्रत को उस पद पर बिठा दिया । अनुब्रत उस समय से इस पद पर हैं । पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक बीरभूम जिले में कौन पार्टी का उम्मीदवार होगा , अनुब्रत से बातचीत किए बिना पार्टी नेतृत्व यह तय नहीं करता है ।

2019 के अप्रैल महीने में अनुब्रत की मां पुष्पारानी मंडल का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था । उसके अगले साल ही अनुब्रत की पत्नी छवि मंडल की भी कैंसर से मौत हो गई थी । अनुब्रत के परिवार में अब बस उनकी एकमात्र लड़की सुकन्या है ।

विवादित और चर्चित बयानों के लिए जाने जाते हैं

अपने बेबाक अंदाज़ और विवादित तथा चर्चित बयानों के लिए अनुब्रत मंडल राज्य की राजनीति जाने जाते हैं । एक बार उन्होंने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि विरोधी दलों के लोगों की कलाई काट देंगे तो एक बार पुलिस की गाड़ी पर बम मारने की बात कहकर सबको चौंका दिया था । खेला होबे के नारे को बनाया लोकप्रिय तृणमूल के खेला होबे ( अब होगा खेल ) के नारे को अनुब्रत ने ही लोकप्रिय बनाया था । पिछले बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह नारा दिया गया था । उनके मुंह से यह नारा निकलते ही लोकप्रिय हो गया था । उसके बाद चुनावी फिजा में खूब गूंजा था । उनके कुछ चर्चित नारों में भयंकर खेला होबे, ढाक बाजबे चडाम-चडाम, नकुलदाना, गुड़ बताशा आदि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *