मारवाड़ी युवा मंच द्वारा शुभमंगला व्रत
*चमकते विहान का आफताब है बेटी,*
*महकते शाम का महताब है बेटी,*
*जिंदगी के छंदों का अलंकार है बेटी,*
*कविता के पन्नो का संस्कार है बेटी,*
*वत्सल के श्रंगार का रस है बेटी,*
*कल के संसार का यश है बेटी।*
राधा अष्टमी के शुभ अवसर पश्चिम बंगाल सिक्किम प्रान्तीय मारवाड़ी युवा मंच द्वारा एक अनूठा और प्रेरणादायक कार्यक्रम प्रान्त के सभी शाखाओ के लिए आयोजित किया गया। इस विशेष दिवस को खास मानाने के लिए भव्य *शुभमंगला व्रत* का आयोजन किया गया जिसमें सभी शाखा के पुरुष वर्ग अपनी बेटियों , बहनों , भांजियों और भतीजियों के लिए उनकी लंबी उम्र , खुशहाल जीवन और स्वस्थ निरोगी काया के लिए एक दिन का व्रत रखे ।
इसी सन्दर्भ में *मारवाड़ी युवा मंच आसनसोल सिटी शाखा* के सदस्यों ने अपनी परियो के लिए शुभमंगला व्रत का पालन किया और बहुत ही धूम धाम से उत्सव के रूप में इस व्रत को पुरे परिवार के साथ सामूहिक पारण का आयोजन भी किया। सभी व्रत धारियों ने अपनी बेटियों को तिलक लगाया उनकी आरती उतारी और उनके कर कमलो द्वारा मिठाई खा कर व्रत का पारणा किया । संगीत की धुन पर सभी सदस्यो और बच्चो ने खूब धमाल मचाया और इस शुभ मंगल व्रत को सफलता पूर्वक संपन्न किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एक सन्देश देने की कोशिश की गयी की अगर माँ अपने बेटो के लिए और पत्नी अपने पति और बच्चो के लिए व्रत रख सकती है तो हम पुरुष अपनी अपनी बेटियों के लिए क्यों नहीं । बेटियाँ बेटो से कम नहीं क्योकि *”बेटियाँ सब के मुक़द्दर में कहाँ होती हैं, घर खुदा को जो पसंद आये वहाँ होती हैं।”*