Social Media विज्ञापनों से आय प्रतिवर्ष 20% की रफ्तार से बढ़ रही, सरकार ने जारी किया दिशानिर्देश
2025 तक विज्ञापनों से आय 2,800 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना
देश में सोशल मीडिया पर ‘विज्ञापित उत्पाद’ की सूचना देना हुआ जरूरी, पढ़ें गाइडलाइंस
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता ( Courtesy PBNS ) : केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया ( Social Media) के जरिए किए जाने वाले विज्ञापनों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह दिशा-निर्देश सोशल मीडिया ( Guidelines on Social Media Marketing )के जरिए किए जाने वाले उत्पादों के प्रचार या विज्ञापनों से दर्शकों को भ्रमित होने से बचाने में बड़ी मदद करेंगे। दरअसल, कई बार ऐसे देखने में आया कि दर्शक प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की बातों में आकर भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के जाल में फंस जाते हैं। ऐसे में भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर उत्पादों या सेवाओं के बारे विज्ञापन करने वाले प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों व जानी-मानी हस्तियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक अब उन्हें उत्पाद और उसकी बिक्री से संबंधित हर तरह की सूचना को दर्शकों के समक्ष स्पष्ट रूप से सार्वजनिक करना जरूरी होगा।
अब बिना सोच-समझे विज्ञापन नहीं कर सकेंगे सिलेब्रिटीज
यह भी देखने में आया है कि सिलेब्रिटीज और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के द्वारा भी जाने-अनजाने कई बार भ्रामक यानि बहकाने वाले विज्ञापनों को बढ़ावा मिल जाता है। इन पर उनके फॉलोअर्स आंख मूंदकर भरोसा भी कर लेते हैं जिससे उनका आर्थिक नुकसान भी होता है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और सिलेब्रिटीज को किसी भी नकली प्रोडक्ट को सपोर्ट करने, गलत जानकारी देने या फिर बिना जांचे-परखे किसी भी ब्रांड को बढ़ावा देने के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में सरकार के लिए जरूरी हो गया था कि वो इस ट्रेंड को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी करें। इसी क्रम में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत सोशल मीडिया पर मौजूद इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी के लिए ये दिशा निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल भारत सरकार द्वारा जारी की गई इस गाइडलाइन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग उत्पादों या सेवाओं का विज्ञापन करते समय अपने श्रोताओं एवं दर्शकों को गुमराह न करें और विज्ञापन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम तथा किसी भी अन्य संबंधित नियम या दिशानिर्देशों के अनुपालन में ही प्रदर्शित हों।
क्या है दिशा-निर्देश ?
गौरतलब हो, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता कार्य विभाग ने प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्तियों के लिए ‘एंडोर्समेंट नो-हाउ!’ नाम से दिशानिर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देशिका को 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप जारी किया गया है। इस दिशा निर्देशिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग उत्पादों या सेवाओं का विज्ञापन करते समय अपने श्रोताओं एवं दर्शकों को गुमराह न करें और विज्ञापन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम तथा किसी भी अन्य संबंधित नियम या दिशानिर्देशों के अनुपालन में ही प्रदर्शित हों।
कौन होगा इनके दायरे में ?
सरकार द्वारा तय किए गए नए नियमों के आधार पर दायरे में कंपनियां, सेलिब्रिटी, इंटरनेट मीडिया और वर्चुअल मीडिया आएंगे।
सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के लिए सेलिब्रिटीज को ध्यान रखनी होगी ये बातें..
– ‘एंडोर्समेंट नो-हाउ!’ दिशा निर्देशिका यह निर्दिष्ट करती है कि किसी भी विज्ञापन में स्पष्टीकरण और साफ-साफ शब्दों में प्रदर्शित किया जाना चाहिए
– क्योंकि विज्ञापनों को याद करना बेहद मुश्किल हो जाता है इसलिए ऐसा करना बेहद जरूरी है
– कोई भी प्रसिद्ध सेलिब्रिटी, प्रभावशाली व्यक्ति और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्ती, जिसकी उपभोक्ताओं तक अधिक पहुंच है और वह किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड या अनुभव के बारे में उनके क्रय निर्णयों या विचारों को प्रभावित कर सकता है, तो उसे विज्ञापनदाता के साथ किसी भी अपने भौतिक संबंध का खुलासा करना चाहिए
– इसमें न केवल लाभ और प्रोत्साहन शामिल हैं, बल्कि मौद्रिक या अन्य फायदे, यात्राएं अथवा होटल में ठहरने, मीडिया बार्टर्स, कवरेज तथा पुरस्कार, शर्तों के साथ या बिना मुफ्त उत्पाद, छूट, उपहार और कोई भी पारिवारिक या व्यक्तिगत अथवा रोजगार संबंध शामिल हैं
विज्ञापन अब प्रिंट, टेलीविजन या रेडियो तक सीमित नहीं
दरअसल, तेजी से बढ़ती डिजिटल दुनिया के लिए विज्ञापन अब प्रिंट, टेलीविजन या रेडियो जैसे पारंपरिक मीडिया तक सीमित नहीं रह गए हैं। ऐसी स्थिति में नियमों का स्पष्ट होना बेहद जरूरी है। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच के साथ ही प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्तियों के प्रभाव में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन व्यक्तियों द्वारा विज्ञापनों के प्रचार और अनुचित व्यापार प्रणालियों से उपभोक्ताओं के गुमराह होने का खतरा बढ़ गया है।
भ्रमित करने वाले तथ्यों को लेकर क्या कदम उठाए गए ?
सोशल मीडिया पर ऐसे भ्रमित करने वाले तथ्यों को लेकर भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि उत्पादों के साथ दी जाने वाली सूचनाएं सरल और स्पष्ट भाषा में होनी चाहिए जो आसानी से समझ में आएं। ये सूचनाएं इस तरह से दी जाएं कि वे उत्पाद को देखने वालों से न छूटें। ऐसे में ये सूचनाएं लाइव स्ट्रीमिंग में दी जा सकती हैं।
विज्ञापनों से होने वाली आय प्रतिवर्ष 20% की रफ्तार से बढ़ रही
सरकार ने यह नियम इंटरनेट मीडिया पर भ्रमित करने वाले विज्ञापनों की भरमार देखते हुए बनाया है। इससे उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उल्लेखनीय है कि इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापनों से होने वाली आय प्रतिवर्ष 20 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है।
2025 तक विज्ञापनों से आय 2,800 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना
2025 तक इसके बढ़कर 2,800 करोड़ रुपए पहुंचने की संभावना है। ऐसे में नई गाइडलाइंस आने के बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि अब सोशल मीडिया पर दर्शकों को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर लगाम लगेगी।