ASANSOL

ECL के पूर्व डीटी और CISF इंस्पेक्टर को नहीं मिली बेल

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल: ( Asansol News Live Today In Hindi ) कोयला तस्करी मामले ( Coal Smuggling Case ) में गिरफ्तार ईसीएल के पूर्व तकनीकी निदेशक सुनील कुमार झा और सीआइएसएफ इंस्पेक्टर आनंद कुमार सिंह को चार दिन की रिमांड समाप्त होने पर मंगलवार को आसनसोल सीबीआइ अदालत में पेश किया गया। जहां जज राजेश चक्रवर्ती ने दोनों को 14 दिन जेल भेज दिया। जज ने कहा अगली सुनवाई 29 मई को होगी। दोनों को रिमांड पर लेने के लिए सीबीआई की ओर से कोई अनुरोध नहीं किया गया है। दोनों के वकील शेखर कुंडू ने किसी भी शर्त पर जमानत के लिए अर्जी दी थी। लेकिन सीबीआइ के वकील राकेश कुमार ने दोनों की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा, जांच अभी बाकी है। नई जानकारी सामने आ रही है। वह सब सत्यापित करने की आवश्यकता है। ऐसे में अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो जांच बाधित हो जाएगी। इसलिए, उन्हें जमानत न देकर जेल भेज दिया जाना चाहिए।

सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान वकील शेखर कुंडू ने ईसीएल के पूर्व प्रमुख और सीआइएसएफ इंस्पेक्टर की जमानत पर सवाल उठाते हुए कहा इस मामले में सभी को जमानत दे दी गई। इतना ही नहीं चार्जशीट में नामजद कई लोगों को कोर्ट में पेश कर जमानत मिल गई। सीआइएसएफ के इंस्पेक्टर फरक्का में रहते हैं। जिस दिन सीबीआइ ने उन्हें बुलाया था उस दिन उन्होंने जाकर सहयोग किया था। उनके भागने का कोई कारण नहीं है। शेखर कुंडू ने कहा कि 19 दिसंबर 2017 से सुनील कुमार झा ईसीएल के निदेशक के पद पर हैं। वह 31 दिसंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए। जांच एजेंसी का दावा है कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर 2020 में संगठित अपराध किया था। उनके घर की तलाशी ली गई। जहां से कोई गैर-आय संपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। इसलिए उन्हें किसी भी शर्त पर जमानत दी जाए।

सीबीआइ के वकील ने जवाब में कहा कि यह केस 2015 से शुरू हुआ था। इसकी एफआइआर 2020 में दर्ज की गई थी। दोनों प्रभावशाली है।अधिक जांच की जरूरत है।अंत में जज ने सीबीआई कीजानकारी पर महर लगाते हुए दोनों की जमनत नामंजूर कर दी। सीबीआइ ने 11 मई को पूछताछ के लिए सुनील कुमार झा और आनंद कुमार सिंह को कोलकाता के निजाम पैलेस में बुलाया। लेकिन जांच की खातिर उन्हें रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन शुक्रवार 12 मई को उन्हें आसनसोल में एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया गया और सीबीआइ ने चार दिन की रिमांड पर लिया।

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