Redevelopment of Stations in North East : पूर्वोत्तर के 56 स्टेशनों के लिए 1960 करोड़, देखें कायाकल्प की तस्वीरें
बंगाल मिरर, मालीगांव : ( Redevelopment of Stations in North East ) रेल बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के क्रम में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज देश भर में अमृत भारत योजना के तहत 508 स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव,केंद्रीय रेल और कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री अनिल कुमार लाहोटी उपस्थित थे।
समारोह के अनुरूप, असम के माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया,असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा,सांसद (राज्यसभा)श्री पबित्रमार्घेरिटा, सांसद (लोकसभा) श्रीमती क्वीन ओजाऔर श्री चेतन कुमार श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर सीमा रेल के साथ-साथ मुख्यालय और मंडलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी नारंगी रेलवे स्टेशन पर केंद्रीय कार्यक्रम से वर्चुअल रूप सेजुड़े हुए थे। नागालैंड के माननीय राज्यपाल श्री ला. गणेशन और त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा क्रमशः डिमापुर और उदयपुर स्टेशन पर उपस्थित थे। इस ऐतिहासिक समारोह का साक्षी बनने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ स्थानीय विधायक, समाज की प्रतिष्ठित हस्तियां, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्कूली बच्चे विभिन्न स्टेशनों पर मौजूद थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, असम के माननीय राज्यपाल ने कहा कियह पूर्वोत्तर के रेल कनेक्टिविटी में एक स्वर्ण युग है और असम के लोगों की ओर से असम एवं पूर्वोत्तर राज्यों में रेल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए माननीय प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा किस्वच्छ भारत अभियान से ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में साफ-सफाई में सुधार हुआ है। भारतीय रेल विश्व के किसी भी रेलवे से मुकाबला करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है।
असम के माननीय मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में उल्लेख किया कियह असम के लोगों के लिए गर्व की बात है कि अमृत रेलवे स्टेशनों के तहत असम के 32 स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। उन्होंने पूर्वोत्तर की रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार के लिए बजट में 10,000 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पू. सी. रेल पूरे पूर्वोत्तर में रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण, विद्युतीकरण, गेज परिवर्तन जैसे विभिन्न बुनियादी ढांचे के कार्यों में जबरदस्त काम हो रहा है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्य भूमि से जोड़ने में मदद करेगा।
24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 508 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। ये स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अवस्थित हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 18-18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशनशामिल हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पू. सी. रेल के कुल 91 स्टेशनों की पहचान की गई है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज 56 स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया गया। इन 56 स्टेशनों में से असम के32 स्टेशन, त्रिपुरा के 03 स्टेशन, पश्चिम बंगाल के16 स्टेशन, बिहार के03 स्टेशन और नागालैंड एवं मेघालय के एक-एक स्टेशन हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय प्रधानमंत्री ने कहा किइतनी बड़ी संख्या में स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास के लिए एक नया माहौल तैयार होगा क्योंकि ये आगंतुकों के बीच पहली बार अच्छी छाप छोड़ेंगे। अपग्रेड किए गए स्टेशनों से न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ योजना से कारीगरों को मदद मिलेगी और जिले की ब्रांडिंग में मदद होगी। पूर्वोत्तर राज्यों के संबंध में प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए लाइनों का तेज गति से कार्य चल रहा है। जल्द ही पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियां रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में नई लाइनें चालू करने का कार्य तीन गुना बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से नागालैंड के डिमापुर स्टेशन का जिक्र किया, जिसे स्थानीय जनजातियों और प्राचीन संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला नया रूप दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नागालैंड को 100 साल के अंतराल के बाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन शोखुवि मिला है।
भारतीय रेल पर रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए हाल ही में अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत अब तक भारतीय रेल पर 1309 स्टेशनों को पुनर्विकास के लिए चयन किया गया है। यह योजना दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर रूप से स्टेशनों के विकास की परिकल्पना करती है।
56 स्टेशनों में 32 स्टेशन असम के, त्रिपुरा के 03, पश्चिम बंगाल के 16, बिहार के 03 और नागालैंड एवं मेघालय के एक-एक
पूर्वोत्तर सीमा रेल ( Stations in North East ) के 56 स्टेशनों में 32 स्टेशन असम के हैं। अन्य स्टेशनों में त्रिपुरा के 03 स्टेशन, पश्चिम बंगाल के 16 स्टेशन, बिहार के 03 स्टेशन और नागालैंड एवं मेघालय के एक-एक स्टेशन हैं। इन 56 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 1960 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाएगा। कुछ प्रमुख स्टेशनों में असम के नारंगी, जागीरोड, डिब्रुगढ़, शिवसागर टाउन, त्रिपुरा के उदयपुर, धर्मनगर, कुमारघाट, पश्चिम बंगाल के न्यू अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी रोड, हासीमारा, बिहार के किशनगंज, ठाकुरगंज, बारसोई जं., नागालैंड का डिमापुर और मेघालय का मेंदीपथार शामिल हैं।
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