ASANSOL

Raniganj को फिर से महकमा की मांग, रानीगंज सिटीजंस फोरम द्वारा धरना

1847 से 1906 तक रानीगंज महकमा शहर था

बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Asansol raniganj News ) रानीगंज को फिर से महकमा का दर्जा देने की मांग पर रानीगंज सिटीजंस फोरम द्वारा पश्चिम बर्द्धमान जिला शासक कार्यालय के सामने धरना दिया गया। फोरम की मांग है कि रानीगंज को फिर से महकमा का दर्जा दिया जाए। इस धरना में रानीगंज सिटीजंस फोरम के सदस्यों के साथ ही बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी मौजूद थे। फास्बेक्की अध्यक्ष आरपी खेतान ने कहा कि रानीगंज पुराना शहर है। देश की पहले खदान यही है। 1847 से 1906 तक रानीगंज महकमा शहर था। 1855 में जब रेल सेवा शुरू हुई।हावड़ा से रानीगंज को प्रथम चरण का रेलवे स्टेशन का दर्जा प्राप्त है।1834 में टैगोर कार कोयला कंपनी का गठन हुआ था। नारायणकुड़ी में प्रथम कोयला खान बनी थी। जिसे कवि गुरु रविद्र नाथ टैगोर के पितामह प्रिंस द्वारका नाथ ठाकुर ने शुरू किया था। रानीगंज कोयला अंचल के नाम से कोयला उद्योग प्रचलित हुआ है। रानीगंज शहर भारत की धरोहर है। रानीगंज के महकमा का दर्जा चले जाने से शहर की स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है। नगर पालिका का दर्जा भी छिन चुका है। रानीगंज को फिर से महकमा का दर्जा मिलना चाहिए ऐसा होने से रानीगंज में विकास कार्यों को गति मिलेगी

। वहीं रानीगंज सिटीजंस फोरम के कार्यकारी अध्यक्ष गौतम घटक ने कहा कि फोरम लंबे समय से रानीगंज को फिर से महकमा बनाए जाने की मांग कर रहा है। अब आसनसोल जिला मुख्यालय बन चुका है। इसलिए रानीगंज को महकमा बनाने में परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस दौरान फोरम की ओर से सचिव प्रदीप नंदी, इंदर सिंह, मो. अनवर, रानीगंज चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष अरुण भरतिया आदि उपस्थित थे।

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