ASANSOL

एचएलजी अस्पताल ने विशेष न्यूरोलॉजिकल और न्यूरोलॉजी विशेषज्ञता के साथ ट्रॉमा केयर यूनिट को बेहतर बनाया


बंगाल मिरर, आसनसोल, सौरदीप्तो सेनगुप्ता : एचएलजी अस्पताल के निदेशक अभिषेक गुप्ता ने कहा कि अस्पताल के विशेष न्यूरोलॉजिकल और न्यूरोलॉजी सेवाओं के साथ अपनी ट्रॉमा केयर क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उन्नति की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है. यह रणनीतिक वृद्धि हमारे समुदाय को व्यापक और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा समाधान प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण क्षण है. विशेषज्ञ न्यूरोसर्जन और न्यूरोलॉजिस्ट की नई एकीकृत टीम हमारे ट्रॉमा केयर यूनिट में व्यापक अनुभव और उन्नत कौशल लाती है. उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करती है कि एचएलजी अस्पताल अब जटिल न्यूरोलॉजिकल स्थितियों और चोटों से पीड़ित रोगियों के लिए बेजोड़ देखभाल प्रदान कर सकता है. मरीज अब व्यापक ट्रॉमा देखभाल तक निर्बाध पहुँच का लाभ उठा सकते हैं जो न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी और बहु-विषयक सहयोग में विशेषज्ञता को जोड़ती है. उक्त बातें एचएलजी अस्पताल के निदेशक अभिषेक गुप्ता ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उक्त बातें बतायी. इस दौरान अस्पताल के प्रबंधन मैनेजर एस चटर्जी, पूर्वी तनेजा, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सौगतो भट्टाचार्य, न्यूरोसार्जन डॉ प्रगधा शिवानी आदि उपस्थित थे.

निदेशक श्री गुप्ता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में एक एनएबीएच प्रमाणित 101 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी तृतीयक देखभाल अस्पताल है. यह उन्नत उपकरणों, प्रगतिशील बुनियादी ढांचे, योग्य कर्मचारियों द्वारा सहायता प्राप्त शीर्ष श्रेणी के पेशेवरों से सुसज्जित है. अस्पताल के पास कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी यूनिट,  न्यूरोसर्जरी आदि मौजूद है. संस्थान न केवल आसनसोल और उसके आसपास के लोगों को बल्कि दक्षिण बंगाल, झारखंड और बिहार के सीमावर्ती जिलों को भी आपातकालीन सेवाएं प्रदान करता है.

न्यूरोलॉजिस्ट सौगतों भट्टाचार्य ने बताया कि बीते दिनों आसनसोल के एथोड़ा निवासी 48 वर्षीय  कन्हाई नंदी नामक मरीज को कई वर्षों से अनियंत्रित उच्च रक्तचाप की शिकायत थी. मरीज को दुर्गापुर के किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह युवा रोगी सुस्त प्रतिक्रिया के साथ एक परिवर्तित संवेदी अवस्था में एचएलजी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया था. सीटी स्कैन में मिडलाइन शिफ्ट के साथ बड़े दाहिने एमसीए इंफार्क्ट के लक्षण दिखाई दिए. बेहतर रिकवरी के लिए रोगी को तुरंत सर्जरी की सलाह दी गई. आवश्यक परामर्श के साथ रोगी की सहमति लेकर उसी दिन डीकंप्रेसिव क्रेनिएक्टोमी सर्जरी के लिए ले जाया गया. ऑपरेशन के बाद रोगी में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला. पहले दिन एक्सट्यूबेट किया गया और ऑपरेशन के बाद चौथे दिन रोगी होश आ गया. रोगी की रिकर्वरी होने के कारण आज उसे छुट्टी दे दिया गया. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन का आभार व्यक्त किया.

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