Emergency Movie Controversy : सिख समाज पर आपत्तिजनक दृश्य, लगे रोक : सुरेंद्र
बंगाल मिरर, एस सिंह : आज बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बैनर तले कथित सचिव सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम वर्धमान जिला शासक कार्यालय पहुंचकर फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत की आने वाली फिल्म इमरजेंसी को भारत में प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए ज्ञापन सोपा इस बारे में सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कंगना राणावत के आने वाली फिल्म इमरजेंसी के नाम को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उसे फिल्म में सिख समाज को लेकर उन्होंने कुछ आपत्तिजनक दृश्य फिल्माए हैं और कुछ आपत्तिजनक डायलॉग बोले हैं जिन्हें लेकर सिख समाज के लोगों को आपत्ति है उन्होंने कहा कि सिख समाज का भारत के निर्माण में एक बहुत बड़ा योगदान है भारत की आजादी की लड़ाई में सिख समाज ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था
लेकिन कंगना राणावत की फिल्म इमरजेंसी में यह दिखाया गया है कि सिख समाज के लोग खालिस्तान मूवमेंट के नाम पर भारत से अलग एक राष्ट्र की मांग कर रहे थे उन्होंने कहा कि जिस जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले के नेतृत्व में खालिस्तान मूवमेंट चलाई जाने के बाद की जा रही थी वह भिंडरावाले कभी नहीं चाहते थे कि सिख समाज हिंदुस्तान से अलग हो उन्होंने तब के मीडिया कर्मियों को साफ तौर पर कहा था कि तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अगर अमृतसर में सिख समाज के सबसे पवित्र अकाल तख्त और स्वर्ण मंदिर पर हमला किया गया तो खालिस्तान मूवमेंट की नींव रखी जाएगी उन्होंने साफ कहा कि भिंडरा वाले कभी नहीं चाहते थे कि हिंदुस्तान से अलग हो सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सिख समाज का हिंदुस्तान की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है
इसलिए वह कभी हिंदुस्तान से अलग नहीं होना चाहेंगे लेकिन तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा उसे मूवमेंट को खालिस्तान मूवमेंट का नाम दिया गया सुरेंद्र सिंह ने कहा कि इमरजेंसी नामक फिल्म में कंगना राणावत ने अभिनय किया है निर्देशन और निर्माण भी कंगना राणावत द्वारा किया गया है ऐसे में उनकी जिला शासक के जरिए सरकार से मांग है कि इस फिल्म को भारत में प्रतिबंधित किया जाए और क्योंकि कंगना राणावत एक सांसद हैं तो वह लोकसभा के स्पीकर से भी मांग करते हैं कि एक सांसद होने के बावजूद उन्होंने जिस तरह से समाज को बांटने की कोशिश की है उन पर कार्रवाई की जाए उनको सस्पेंड किया जाए और उनका सांसद पद खारिज किया जाए