पशु प्रेमियों ने अवैध रूप से बेचे जा रहे पक्षियों को रेसक्यू कर, वन विभाग सौंपा
बंगाल मिरर, आसनसोल : वन्य जीव अधिनियम 1972 के तहत पशु-पक्षियों का व्यवसाय नहीं किया जा सकता बावजूद उसके सारे नियम ओर क़ानून को ताख पर रखकर पैसों के लिये कुछ तस्कर अवैध रूप से पशु पक्षियों की तस्करी करने से बाज नही आ रहे हैं और पुलिस ही नही बल्कि वन विभाग कर्मियों के आँखों मे धूल झोंककर धड़ल्ले से प्रतिबंधित पशु पक्षियों को बाजारों मे गलियों और चौक -चौराहों पर बेच रहे हैं, ऐसा ही एक मामला आसनसोल हीरापुर थाना अंतर्गत अपर रोड से सामने आया है, जहाँ सन्नी सिंह, जीवन दास, अभिषेक सिंह नामक तीन पशु प्रेमीयों ने अवैध रूप मे बेच रहे 9 तोता के साथ एक युवक को पकड़ा,
सन्नी सिंह युवक से पूछताछ कर ही रहा था की उसको ये सारे तोते कहाँ से मिले तभी युवक ने सन्नी को धक्का देकर तोतों से भरा पिंजरा छोड़ भाग निकला, जिसके बाद सन्नी सिंह, ने पूरी घटना की जानकारी एक और पशु प्रेमी लिपिका चक्रवर्ती को दी जिसके बाद पशु प्रेमी लिपिका चक्रवर्ती ने शनि सिंह को तोतों से भरी पिंजरे को पहले हिरापुर थाना ले जाने की सलाह दी और पूरी घटना की जानकारी पुलिस अधिकारीयों को पहले देने की बात कही
सन्नी सिंह, को यह कहा की वह वन विभाग के अधिकारीयों को घटना की जानकारी दे रही है, उससे पहले थाने की परिकिर्या शेष कर तोतों से भरे पिंजरे को वन विभाग के कर्मियों को विधिवत शौंप दी जायेगी, जिसके बाद पशु प्रेमी लिपिका चक्रवर्ती के कहने पर पशु प्रेमी शनि सिंह ने ठीक वैसा ही किया, घटना की जानकारी हीरापुर थाने को देकर वह पशु प्रेमी लिपिका चक्रवर्ती के पास बर्णपुर काला झरिया रोड चला गया, जहाँ वन विभाग के अधिकारीयों को बुलाकर लिपिका चक्रवर्ती ने पिंजरे मे कैद 9 प्रतिबंधित तोतों को सौंप दिया