ASANSOL

हिंदी हमारी पहचान और अभिमान : डॉ. बिजेंद्र कुमार

बनवारीलाल भालोटिया कॉलेज आसनसोल के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी दिवस समारोह का आयोजन

बंगाल मिरर, आसनसोल :  बनवारीलाल भालोटिया कॉलेज, आसनसोल के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसका विषय “राजभाषा हिंदी: संवैधानिक प्रावधान, वर्तमान स्थिति और उसका भविष्य” था। यह कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ। प्रथम सत्र में हिंदी दिवस समारोह एवं ‌द्वितीय सत्र में विद्यार्थियों के प्रतियोगितामूलक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभा में कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. अमिताभ बसु, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित आसनसोल गर्ल्स कॉलेज के हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र कुमार, बी. बी. कॉलेज के हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. बिजय कुमार प्रसाद, इतिहास विभाग (हिंदी शिफ्ट) के शिक्षक डॉ. देवाशीष मंडल, राजनीति शास्त्र विभाग (हिंदी शिफ्ट) के शिक्षक श्री पवन ग्रंग, बी. बी. कॉलेज के हिंदी विभाग के शिक्षक श्री अमित शर्मा सहित अन्य शिक्षकगण एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन एवं मंचासीन अतिथियों का पुष्प-गुच्छ द्वारा सम्मानित करने के साथ हुआ।

इस कार्यक्रम में बी. बी. कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. अमिताभ बसु ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा के रूप में हिंदी को घोषित किया गया और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में तीसरे स्तर पर बोले जाने वाली भाषा है। उन्होंने हिंदी भाषा की लोकप्रियता के साथ भारत की संस्कृति, शिक्षा एवं आधुनिक तकनीक से जुड़े मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस मनाने के साथ-साथ 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस का भी पालन करना चाहिए तथा हिंदी के साथ हमें दूसरी भाषाओं को भी सम्मान देना चाहिए तभी हिंदी की एकता और अखंडता को हम वैश्विक स्तर पर पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वि‌द्यार्थियों को केवल डिग्री ही नहीं बल्कि ज्ञान भी प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसी क्रम में उन्होंने ईश्वर चंद्र वि‌द्यासागर और स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए उनके द्वारा दी हुई शिक्षाओं का पालन करना तथा उनके राह पर चलने का संदेश भी दिया जिसे अपना कर हम अपना चरित्र और जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. बिजेंद्र कुमार जी ने हिंदी के वर्तमान स्थिति को बेहतर बताते हुए कहा कि हिंदी हमारी पहचान और अभिमान है, जिसमें हमारे संस्कार, संवेदनाएं और भाव-भंगिमाएं दिखाई देते हैं। उन्होंने हिंदी को रोजगार से जोड़ते हुए उसके भविष्य की भी बात की और कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में हिंदी की स्थिति बहुत बेहतर है। उसकी बढ़ती हुई लोकप्रियता एवं गतिशीलता को देखते हुए हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने हिंदी को रोजगार से जोड़ते हुए विभिन्न अवसरों की भी बात की। डॉ. देवाशीष मंडल ने कहा कि हिंदी हमारे लिए केवल भाषा ही नहीं बल्कि एक नीति और आदर्श है। श्री पवन गुरुंग ने उच्च शिक्षा में हिंदी के प्रयोग पर बल देने की बात कही और साथ ही अन्य भाषाओं को भी सीखने की बात की।

हिंदी विभाग के शिक्षक अमित शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं हिंदी दिवस के उपलक्ष में कहा कि हिंदी पूरे देश की भाषा है इसलिए हिंदी दिवस का मनाया जाना केवल हिंदी वालों के लिए नहीं अपितु संपूर्ण देश के लिए होना चाहिए।कार्यक्रम के अंत में सभी वक्ताओं का धन्यवाद करते हुए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बिजय कुमार प्रसाद ने कहा कि हिंदी ऐसी भाषा है जिसमें सभी को जोड़ने की शक्ति है।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता, संभाषण प्रतियोगिता एवं काव्य आवृत्ति का आयोजन किया गया जिसमें निर्णायक की भूमिका में राजनीति शास्त्र विभाग के श्री पवन गुरुंग एवं श्रीमती पियाली बनर्जी तथा हिंदी विभाग के श्री अमित शर्मा एवं श्रीमती स्वाति मिश्र उपस्थित थे। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं प्रतियोगिता के परिणाम स्वरुप प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया।

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