बर्नपुर शांता एजुकेशनल फाउंडेशन युवा कल्याण और सशक्तिकरण के लिए शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देगी : कमलेंदु मिश्रा
बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : बर्नपुर शांता एजुकेशनल फाउंडेशन का गठन भूतपूर्व क्रिकेटर एवं समाजसेवी कमलेंदु मिश्रा के नेतृत्व में किया गया है। इस फाउंडेशन का उद्देश्य बर्नपुर और आस-पास के इलाकों के युवा बिरादरी के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देना है। बर्नपुर में आज इसकी घोषणा फाउंडेशन के सचिव कमलेंदु मिश्रा ने की। इसका आधिकारिक उद्घाटन 24 नंबर को होगा। आज प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि अपने प्रयासों के तहत, बर्नपुर शांता एजुकेशनल फाउंडेशन, आमबागान उषशी कल्चरल क्लब के सहयोग से शिक्षित बेरोजगार युवतियों के लिए एक पुस्तकालय के साथ एक शैक्षणिक संस्थान “शांता” शुरू करने जा रहा है। छात्रों को दी जाने वाली यह सुविधा निःशुल्क होगी। छात्रों के लिए सभी प्रकार की प्रतियोगी पुस्तकें, पत्रिकाएँ, जर्नल, समाचार पत्र और अन्य प्रासंगिक अध्ययन सामग्री बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी। सभी विषयों के अनुभवी शिक्षक छात्रों को पढ़ाने और प्रशिक्षित करने के लिए मौजूद रहेंगे ताकि वे अपनी शैक्षणिक योग्यता और क्षमताओं के अनुसार नौकरी पाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा कि 1980 के दशक से, बर्नपुर के स्टील टाउनशिप में कई पुस्तकालय हैं जो छात्रों को नौकरी हासिल करने और अपने करियर में स्थिर होने के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दे रहे हैं। हालाँकि SHANTA केवल निष्पक्ष लिंग के सदस्यों पर केंद्रित एक पहल है, और इसके लिए कोई शुल्क नहीं है। आमबागान उषशी सांस्कृतिक क्लब, ने हमें अपनी कक्षाएं संचालित करने और पुस्तकालय चलाने के लिए एक कमरा प्रदान करके हमारे सपनों के प्रोजेक्ट में मदद करने के लिए आगे आया है। स्थान के हिसाब से, यह टाउनशिप के केंद्र में स्थित बेहतर स्थानों में से एक है। हीरापुर और आईएसपी टाउन सर्विसेज डिपार्टमेंट के पास सेल फुटबॉल अकादमी परिसर के ठीक बगल में, बर्नपुर और आसनसोल के विभिन्न स्थानों से यहाँ पहुँचना काफी सुविधाजनक और आरामदायक है। हमें उम्मीद है कि लड़कियों को कक्षाओं में भाग लेने और पुस्तकालय सुविधाओं का लाभ उठाने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
यह युवा और महत्वाकांक्षी महिलाओं की आत्म-मूल्य की भावना, अपनी पसंद निर्धारित करने की उनकी क्षमता और अपने लिए तथा पूरे समाज के लिए सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने के उनके अधिकार को बढ़ावा देने का हमारा छोटा सा प्रयास है। इस मौके पर शांता एजुकेशनल फाउंडेशन के सहायक सचिव मिली बिस्वास, समिति सदस्य अलका मिश्रा, आलोक दास, अमिताव मुखर्जी, जीए सचिव अजय मुखर्जी, उषाशी क्लब दिव्येंदु चटर्जी, गोपीदास बैराग्य आदि मौजूद थे।