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8th Pay Commission को मंजूरी, 45 लाख कार्मिकों, 68 लाख पेंशनरों को लाभ, जानें इतिहास

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : 8th Pay Commission गठन को मंजूरी, 45 लाख केन्द्रीय कार्मिकों, 68 लाख पेंशनरों को होगा लाभ, जानें इतिहास । प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दी।  केंद्र सरकार के कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ रही है  । इससे 45 लाख से ज़्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख से ज़्यादा पेंशनभोगियों को फ़ायदा होगा ।  7वें वेतन आयोग की अवधि 2016 से 2026 तक थी और कार्यकाल से काफ़ी पहले ही इसे मंज़ूरी मिल गई।  डॉ. एम. राघवैया, महासचिव (एनएफआईआर)/नेता/कर्मचारी पक्ष/एनसी (जेसीएम) और श्री शिव गोपाल मिश्रा, सचिव/कर्मचारी पक्ष/एनसी (जेसीएम), जीएस (एआईआरएफ) ने श्री अश्विनी वैष्णव से मुलाक़ात की और आठवें वेतन आयोग को मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

History of Pay Commission In India : 55 रुपये वेतन, 15 लाख कर्मचारियों से लेकर क्या – क्या बदला

पहला वेतन आयोग मई 1946 – मई 1947
अध्यक्ष: श्रीनिवास वरदाचारी
मुख्य विशेषताएँ:
भारत की आज़ादी के बाद वेतन संरचना को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

“जीवितमज़दूरी” की अवधारणा पेश की गई।  न्यूनतम वेतन:₹55/माह; अधिकतम वेतन: ₹2,000/माह। लाभार्थी: लगभग 1.5 मिलियन कर्मचारी। 

दूसरा वेतन आयोग अगस्त 1957 – अगस्त 1959 अध्यक्ष: जगन्नाथ दास मुख्य विशेषताएं: अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की लागत को संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित किया। न्यूनतम वेतन ₹80/माह की सिफारिश की। “समाज के समाजवादी पैटर्न” की शुरुआत की। लाभार्थी: लगभग 2.5 मिलियन कर्मचारी। 

तीसरा वेतन आयोग अप्रैल 1970 – मार्च 1973 अध्यक्ष: रघुबीर दयाल मुख्य विशेषताएं: न्यूनतम वेतन ₹185/माह की सिफारिश की। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया। वेतन संरचना में असमानताओं को संबोधित किया। लाभार्थी: लगभग 3 मिलियन कर्मचारी।

 चौथा वेतन आयोग सितंबर 1983 – दिसंबर 1986 अध्यक्ष:पी.एन. सिंघलमुख्य विशेषताएँ:
न्यूनतम वेतन ₹750/माह की संस्तुति की।
विभिन्न पदों पर वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया।
प्रदर्शन-आधारित वेतन संरचना की शुरुआत की।

लाभार्थी: 3.5 मिलियन से अधिक कर्मचारी।5वां वेतन आयोग अप्रैल 1994 – जनवरी 1997
अध्यक्ष: न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन
मुख्य विशेषताएँ:
न्यूनतम वेतन ₹2,550/माह की संस्तुति की।
वेतनमानों की संख्या कम करने का सुझाव दिया।
सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया।

लाभार्थी: लगभग 4 मिलियन कर्मचारी।छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 – मार्च 2008
अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण
मुख्य विशेषताएँ:
वेतन बैंड और ग्रेड वेतन की शुरुआत की।
न्यूनतम वेतन: ₹7,000/माह; अधिकतम वेतन: ₹80,000/माह। प्रदर्शन-संबंधी प्रोत्साहनों पर जोर दिया गया। लाभार्थी: लगभग 6 मिलियन कर्मचारी।

7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 – नवंबर 2016 अध्यक्ष: न्यायमूर्ति ए.के. माथुर मुख्य विशेषताएं: न्यूनतम वेतन बढ़ाकर ₹18,000/माह किया गया; अधिकतम वेतन ₹2,50,000/माह ग्रेड वेतन प्रणाली के बजाय एक नए वेतन मैट्रिक्स की सिफारिश की गई। भत्ते और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान केंद्रित किया गया लाभार्थी: 10 मिलियन से अधिक (पेंशनभोगियों सहित)। 8वें वेतन आयोग की घोषणा 16 जनवरी 2025 को की गई

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