ASANSOL

Asansol Atwal भवन में मार्केट का ट्रेड लाइसेंस रद ! अब आगे क्या

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल: आसनसोल के ऐतिहासिक अटवाल भवन में अवैध रूप से बनाए गए मार्केट में अवैध रूप से चल रहे मार्केट को लेकर नगर निगम ने सख्त रवैया अख्तियार किया है। निगम के आयुक्त एवं सचिव ने संयुक्त पत्र जारी कर अवैध ट्रेड लाइसेंस रद करने के साथ ही वहां चल रहे व्यवसाय को बंद करने का निर्देश दिया है। लेकिन इसके बाद भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है। इसके करीब ढाई साल पहले 2022 में भी मेयर बिधान उपाध्याय ने पत्र लिखकर कंपनी को सूचित किया था कि वह अवैध रूप से चल रहे व्यवसाय को बंद करें, अन्यथा नगर निगम द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

Asansol Atwal Building

गौरतलब है कि एक गिरोह ने लाखों रुपए के वारे न्यारे कर अवैध रूप से नगर निगम के ऐतिहासिक अटवाल भवन में अवैध रूप से रीमाडलिंग कर मार्केट बनाया। उसे एक बड़ी कंपनी को दे दिया है । उस कंपनी द्वारा वहां मार्केट खोल दिया गया जिसकी जानकारी होने पर नगर निगम ने उस कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया । वहीं मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद हुई जांच में नगरनिगम ने निर्माण को जांच के बाद अवैध करार दिया है। वहीं अवैध निर्माण को एक माह के अंदर तोड़ने का निर्देश भी जारी किया था। जिसकी मोहलत 23 जनवरी को समाप्त हो रही है।

निगम की ओर से आयुक्त एवं सचिव द्वारा जारी किये गये संयुक्त पत्र में लिखा गया है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इस मामले की सुनवाई के लिए बीते 26 सितंबर और 05 दिसंबर को सुनवाई बुलाई गई थी। लेकिन दूसरे पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। मामले की जांच में पाया गया कि अवैध दस्तावेजों के सहारे एवं गलत तथ्य देकर ट्रेड लाइसेंस लिया गया था। जिसे मेयर ने रद भी कर दिया था। इस लाइसेंस को रद किये जाने के बाद भी वहां अवैध रूप से व्यवसाय संचालित किया गया। वहीं एक और ट्रेड लाइसेंस लिया गया। 16 अप्रैल को लिये गये इस लाइसेंस को रद किया जाता है। वहीं कंपनी को निर्देश दिया जाता है कि नगर निगम को सूचित किए बिना वहां कोई व्यवसाय न करें। वहीं नये लाइसेंस के लिए उपयुक्त दस्तावेज के साथ आवेदन करें।

पार्षद रणबीर सिंह जीतू ने कहा कि वह लगातार इन मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं। आज निगम के अधिकारियों को भी अहसास हो रहा है कि उनके द्वारा जो मुद्दे उठाये जा रहे थे। वह सही हैं। क्योंकि आज भी नगरनिगम इलाके में ऐसे सैकड़ों अवैध निर्माण है। जहां निगम की अनुमति के बिना निर्माण किया गया है। इससे नगरनिगम को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ  है। सभी इलाके में जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। वह ऐसे नहीं कहते हैं कि नगरनिगम चाहे तो यहां सोने की सड़कें बना सकती है।

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