Raniganj : में चलेगा रेलवे का बुलडोजर, पानी – बिजली काटने को पत्र
बंगाल मिरर, , आसनसोल : सोन नगर- अंडाल मल्टी ट्रैकिंग योजना का कार्य तेज गति से करने के लिए रेलवे की ओर से विभिन्न हिस्सों में रेलवे की जमीनों से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे को विरोध का सामना करना भी पड़ रहा है। इसी बीच आसनसोल नगरनिगम के रानीगंज शहर के सियारसोला मौजा में भी रेलवे ने अधिग्रहित की गई जमीन को खाली कराने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे की ओर से आगामी 10 फरवरी को यहां अभियान चलाया जायेगा। इसके पहले रेलवे की ओर से राज्य बिजली विभाग के मंडल प्रबंधक तथा आसनसोल नगरनिगम के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर एक सूची भेजी हैं। इसमें 70 से अधिक लोगों के नाम है। रेलवे ने इन सभी के पानी और बिजली काटने का अनुरोध किया है। रेलवे के इस पत्र के बाद रानीगंज के सियारसोल इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।




आसनसोल-धनबाद और आसनसोल-झाझा सेक्शन पर बिछेगी अतिरिक्त रेल लाइन
उल्लेखनीय है कि रेलवे की ओर से बताया गया है कि पूर्व रेलवे ने सोन नगर से अंडाल तक एक परिवर्तनकारी मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य आसनसोल मंडल में ट्रेनों की समयबद्धता और माल ढुलाई संचालन को बढ़ाना है। यह पहल खाद्यान्न, कोयला और स्टील आदि को ढ़ोने वाली आवश्यक मालगाड़ियों की आवाजाही के कारण मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और लोकल ट्रेनों की लगातार देरी को दूर करने जा रही है। इस परियोजना का लक्ष्य मालगाड़ी और यात्री ट्रेन दोनों के लिए सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना है, जिससे दैनिक यात्रियों को लाभ होगा और क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना में मौजूदा पटरियों के साथ-साथ दो समर्पित मालगाड़ी लाईन विकसित होगी। वर्तमान में, आसनसोल-बर्धमान सेक्शन में चार लाइनें हैं तथा आसनसोल-धनबाद और आसनसोल-झाझा सेक्शन के बीच दो-दो लाइनें उपलब्ध हैं। मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और लोकल पैसेंजर ट्रेनों में देरी होना बार-बार मुद्दा रहा है। जिसका मुख्य कारण माल ढुलाई को प्राथमिकता देना है। यात्रियों की प्रतिक्रिया और बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए इस मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना का उद्देश्य यात्री मार्गों पर भीड़-भाड़ कम करके और मालगाड़ियों के लिए अलग लाइनें प्रदान करके भीड़-भाड़ को कम करना है।राज्य सरकार के सहयोग से अंडाल से प्रधान खांटा के बीच परियोजना में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए मुगमा, बराकर में कई अतिक्रमण हटाए गए। इस परियोजना को पूरा होने पर यात्री ट्रेनों का समय पर परिचालन संभव हो सकेगा, जिससे छात्रों, कार्यालय जाने वालों और दैनिक यात्रियों को बहुत लाभ होगा। साथ ही, यह अतिरिक्त समर्पित मालगाड़ी लाईन सुपरफास्ट, प्रीमियम ट्रेनों को दिल्ली, पटना और हावड़ा जैसे राजधानी शहरों तक कम समय में पहुंचने में मदद करेंगी।
इस परियोजना में रेलवे के बुनियादी ढांचे में व्यापक विकास शामिल है। इसका उद्देश्य मुख्य लाइन पर भीड़-भाड़ को कम करना, भविष्य में अतिरिक्त एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और प्रीमियम ट्रेनों के परिचालन हेतु सक्षम बनाना है, जबकि मुख्य लाइन के लिए 130 किमी प्रति घंटे से 160 किमी प्रति घंटे और ईएमयू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) सेवाओं के लिए 110 किमी प्रति घंटे की भविष्य की लक्ष्य गति करना है।यह परिवर्तनकारी परियोजना झारखंड और पश्चिम बंगाल में रेल संपर्क में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है। विशेष रूप से औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण पश्चिम बर्धमान को लाभ पहुंचाएगी। मालगाड़ियों के लिए इन समर्पित लाइनों के माध्यम से लाजिस्टिक्स सुव्यवस्थित हो जाएगा, औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा तथा ट्रांजिट समय को कम करेगा।