“IISCO Challenge Trophy !..”
“मैं IISCO Challenge Trophy कहलाता,
इतिहास की गाथा हूँ, अमर हो जाता।
1945 में जन्म हुआ था मेरा,
देश नहीं था तब भी मेरा सवेरा।
आज़ादी की वो पहली पहचान,
मैं हूँ IISCO की अमिट जान।
मेरी माँ Burnpur United Club,
पिता ISP, जहाँ मिला मुझे नभ।
कालांतर में IISCO था नाम,
समय के संग बदला अंजाम।
1918 में जब जन्म लिया,
स्टील की गूँज से जग को दिया।



1922 में पहली बार बढ़ा,
समय के संग सदा ही चला।
पर आर्थिक तंगी का दौर आया,
IISCO का अस्तित्व घबराया।
1947 में भारत हुआ मुक्त,
पर IISCO फिर भी था अशक्त।
संघर्षों से लड़ता, बढ़ता गया,
पर सवालों के घेरे में रहता गया।
फिर 16 फरवरी 2006 का दिन,
SAIL के संग किया संगीन।
IISCO ने फिर नया जन्म लिया,
नाम बदलकर ISP दिया।
हे मानव! पहचानो मुझे,
मैं इतिहास की गूँज, गर्व हूँ सजीव।
तीन युगों का मैं साक्ष्य बना,
स्वतंत्रता से पहले, बाद और अब भी खड़ा।
सुख-दुख के संग चलता रहा,
लाभ-हानि के पार बढ़ता रहा।
सत्य-असत्य की माया से दूर,
*मैं IISCO Challenge Trophy, अद्भुत, अदम्य, मजबूर।*
अब ISP की क्षमता है महान,
2.5 मिलियन टन में है पहचान।
2030 में यह होगा और विशाल,
7 मिलियन टन से गूंजेगा काल।
आज का दिन है पुनर्जन्म पर्व,
ISP का स्वागत करो हर्ष।
16 फरवरी, याद रखो ये दिन,
धन्यवाद SAIL, हार्दिक नमन।
*आज 81वीं IISCO Challenge Trophy की शान,*
फाइनल में होगी दो टीमों की जान।
*Police Athletic Club और IISCO Sports,*
तीन बजे बजे, Burnpur Stadium की छांव।
पिछले वर्ष बारिश ने खेल रोका था,
TATA और Burnpur United Club ने जीत साझा था।
पर इस बार होगी जंग अपार,
महान खिलाड़ियों का होगा सार।
Baichung Bhutia भी आएंगे संग,
Alvito De’Cuhna करेंगे रंग।
मज़ा आएगा, दिल धड़केगा,
Burnpur का नाम फिर चमकेगा।
जय Burnpur,
जय Burnpur United Club,
जय IISCO,
जय SAIL ISP! “
*”SAIL ISP दिवस पर आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद और ढेरों बधाइयाँ! आपकी मेहनत और समर्पण से यह संस्थान निरंतर प्रगति कर रहा है। आइए, मिलकर इस सफलता का जश्न मनाएँ और आगे भी नई ऊँचाइयों को छूने का संकल्प लें!”*
कवि: सुशील कुमार सुमन
अध्यक्ष, आईओए
सेल आईएसपी बर्नपुर