क्रिएटिविटी में दिल्ली-मुंबई पुलिस पर भी भारी बिहार पुलिस, फेसबुक पर 1 मिलियन फॉलोवर्स के साथ देश में दूसरे स्थान पर
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता, पटना: ( Bihar Police News ) पुलिस का नाम सुनकर पहली बार आपके भी जेहन में क्राइम सीन पर जांच में जुटे अधिकारी नजर आते होंगे या सड़क पर ट्रैफ़िक को कंट्रोल करते पुलिसकर्मी। कभी पुलिस के नाम से डरने वाले लोग आज पुलिस की वाहवाही करने से नहीं थकते, पब्लिक फ़्रेंडली पुलिस अब थाना हो या सोशल मीडिया, हर जगह मुस्तैदी से काम कर रही है। दरअसल, पुलिस अब हर फ्रंट पर बखूबी काम कर रही है, कम से कम बिहार पुलिस को देखकर तो ऐसा ही कुछ लग रहा है। राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौबीसों घंटे एक्टिव है, तो सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों के बीच लगातार जागरूकता फैला रही है। आमलोगों के इसी भरोसे और विश्वास के कारण ही बिहार पुलिस ने हाल ही में फेसबुक पर 1 मिलियन फॉलोवर्स का आंकड़ा पार किया है। इस उपलब्धि के साथ ही बिहार पुलिस के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर फॉलोवर्स की संख्या 17 लाख से ज्यादा हो गई है।




राज्य के नए पुलिस मुखिया के पदभार संभालने के बाद से बिहार पुलिस और भी बेहतरी कर रही है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार जबसे बिहार पुलिस की कप्तानी संभाले हैं, राज्य में कानून व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है। डीजीपी खुद भी रात-रात भर थानों का निरीक्षण करते हैं, ताकि आमलोगों को पुलिस की तरफ से कोई परेशानी नहीं हो। डीजीपी का सख्त निर्देश है कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, और वो जो भी समस्या लेकर पुलिस के पास आएं, उसका हर हाल में निराकरण होना चाहिए। डीजीपी के आदेश के बाद अब राज्य का कोई भी ऐसा जिला नहीं हैं, जहां पुलिस रात को भी सड़क पर नहीं दिखती है। 24*7 काम कर रही डायल 112 की टीम अब आपको कहीं भी दिख जाएगी, इसी का परिणाम है कि 20 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचने वाली बिहार पुलिस अब 15 मिनट से भी कम समय में आ जाती है। डीजीपी विनय कुमार और एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन की ‘दमदार जोड़ी’ हर मोर्चे पर अच्छा काम कर रही है। डीजीपी खुद पुलिस मुख्यालय में आयोजित जनता दरबार में रोज फरियादी से मिलते हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर संबंधित अधिकारी को भेजकर इसपर कार्रवाई करवाने के लिए सुनिश्चित करवाते हैं।
इन दिनों बिहार पुलिस अपनी क्रिएटीविटी के कारण चर्चा में है। अपने क्रिएटिव पोस्ट और वीडियो के कारण बिहार पुलिस की जगह जगह चर्चा हो रही है, लोग उसे खूब शेयर व रीट्वीट कर रहे हैं। लोगों के इस जुड़ाव के कारण ही इतने कम समय में बिहार पुलिस के सोशल मीडिया पेज के फॉलोवर्स इतने बढ़ गए। लगभग एक साल में बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक लंबी छलांग लगाई है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के जरिए लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है, ताकि कोई भी साइबर फ्रॉड के चंगुल में न फंसे। आमलोगों के बीच बिहार पुलिस की विश्वसनीयता का ही परिणाम है कि फेसबुक पर 1 मिलियन फॉलोवर्स हो गए हैं। इस भरोसे के दम पर बिहार पुलिस का फेसबुक पेज अब 10 लाख लोगों का परिवार बन गया है। यही नहीं, अगर बाकी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को मिला दें, तो 17 लाख से ज्यादा लोग बिहार पुलिस के पेज को फॉलो करते हैं। फेसबुक पर बिहार पुलिस देश के अन्य राज्यों की पुलिस से काफी आगे दूसरे नंबर पर पहुंच गई है, प्रथम स्थान पर सिर्फ केरला पुलिस है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर कुल फॉलोवर्स की संख्या के मामले में बिहार पुलिस अब चौथे नंबर पर पहुंच चुकी है। कुल फॉलोवर्स के मामले में बिहार पुलिस से आगे अब सिर्फ उत्तर प्रदेश, केरला और महाराष्ट्र पुलिस है। इस उपलब्धि पर बिहार पुलिस का मीडिया पीआर देख रहे सीनियर जर्नलिस्ट संजीत मिश्रा ने कहा कि पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर में बिहार पुलिस की टीम चौबीसों घंटे बेहतरीन काम कर रही है, इसी का परिणाम है कि लोगों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। बिहार पुलिस अपनी क्रिएटीविटी से लगातार लोगों के दिल में अपनी जगह बना रही है।
पब्लिक से सीधे जुड़ाव के कारण ही बिहार पुलिस के फॉलोवर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर में चौबीसों घंटे काम कर रहे पुलिसकर्मी ससपेक्टेड अकाउंट पर भी नजर रखते हैं। सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह फैलाने वाले, भ्रामक या उन्माद फैलाने वाले पोस्ट करने वाले, हथियार का प्रदर्शन करने वाले, किसी का वीडियो वायरल करने वाले या फिर फेक अकाउंट बनाने वालों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है। इस तरह की गतिविधियों से किसी भी तरह से समाज या लोगों को दिग्भ्रमित करने वालों के खिलाफ संबंधित अधिकारी या विभाग को पूरी जानकारी भेजी जाती है, ताकि समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके। इस कदम से सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास लगातार बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स की संख्या की बात करें तो बिहार पुलिस राज्य के किसी भी अन्य सरकारी विभाग से बहुत आगे है। पिछले साल राजस्थान पुलिस ने भी सोशल मीडिया सेंटर का विज़िट कर यहां के कामकाज को समझने की कोशिश की थी कि कैसे सोशल मीडिया के जरिए पुलिसिंग को और बेहतर किया जा सकता है।
सोशल मीडिया के जरिए साइबर फ्रॉड आजकल आमलोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इससे बचने के लिए बिहार पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। साइबर फ्रॉड जागरूकता से जुड़े पोस्ट लगभग रोज ही पोस्ट किए जाते हैं, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। दरअसल, डिजिटल अरेस्टिंग जैसे टर्म को यूज कर या इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से उनकी कमाई ठगी जाती है। इससे बचने का यही तरीका है कि आप जागरूक रहें और अपने करीबी व आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। फोटो या वीडियो के जरिए आसान तरीके से बिहार पुलिस के पेज पर लोगों को जागरूक किया जाता है कि पुलिस या कोई भी अधिकारी फोन कॉल कर न तो पैसे की डिमांड करते हैं और न ही किसी तरह की धमकी देते हैं। लोग जितना ज्यादा जागरूक होंगे, ऐसे फ्रॉड के जाल में उतना ही कम फँसेंगे। बिहार पुलिस की तरफ से लोगों से लगातार अपील की जाती है कि डिजिटल अरेस्टिंग जैसा कुछ होता नहीं है, यह बस लोगों के झांसे में लेकर उनके पैसे लूटने का एक जरिया है। न तो पुलिस के अफसर और न ही कोई अधिकारी फोन पर इस तरह की जानकारी या धमकी देते हैं, इसलिए लोगों को ऐसे कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
राज्य के नए पुलिस मुखिया के पदभार संभालने के बाद से बिहार पुलिस और भी बेहतरी कर रही है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार जबसे बिहार पुलिस की कप्तानी संभाले हैं, राज्य में कानून व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है। डीजीपी खुद भी रात-रात भर थानों का निरीक्षण करते हैं, ताकि आमलोगों को पुलिस की तरफ से कोई परेशानी नहीं हो। डीजीपी का सख्त निर्देश है कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, और वो जो भी समस्या लेकर पुलिस के पास आएं, उसका हर हाल में निराकरण होना चाहिए। डीजीपी के आदेश के बाद अब राज्य का कोई भी ऐसा जिला नहीं हैं, जहां पुलिस रात को भी सड़क पर नहीं दिखती है। 24*7 काम कर रही डायल 112 की टीम अब आपको कहीं भी दिख जाएगी, इसी का परिणाम है कि 20 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचने वाली बिहार पुलिस अब 15 मिनट से भी कम समय में आ जाती है। डीजीपी विनय कुमार और एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन की ‘दमदार जोड़ी’ हर मोर्चे पर अच्छा काम कर रही है। डीजीपी खुद पुलिस मुख्यालय में आयोजित जनता दरबार में रोज फरियादी से मिलते हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर संबंधित अधिकारी को भेजकर इसपर कार्रवाई करवाने के लिए सुनिश्चित करवाते हैं।
इन दिनों बिहार पुलिस अपनी क्रिएटीविटी के कारण चर्चा में है। अपने क्रिएटिव पोस्ट और वीडियो के कारण बिहार पुलिस की जगह जगह चर्चा हो रही है, लोग उसे खूब शेयर व रीट्वीट कर रहे हैं। लोगों के इस जुड़ाव के कारण ही इतने कम समय में बिहार पुलिस के सोशल मीडिया पेज के फॉलोवर्स इतने बढ़ गए। लगभग एक साल में बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक लंबी छलांग लगाई है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के जरिए लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है, ताकि कोई भी साइबर फ्रॉड के चंगुल में न फंसे। आमलोगों के बीच बिहार पुलिस की विश्वसनीयता का ही परिणाम है कि फेसबुक पर 1 मिलियन फॉलोवर्स हो गए हैं। इस भरोसे के दम पर बिहार पुलिस का फेसबुक पेज अब 10 लाख लोगों का परिवार बन गया है। यही नहीं, अगर बाकी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को मिला दें, तो 17 लाख से ज्यादा लोग बिहार पुलिस के पेज को फॉलो करते हैं। फेसबुक पर बिहार पुलिस देश के अन्य राज्यों की पुलिस से काफी आगे दूसरे नंबर पर पहुंच गई है, प्रथम स्थान पर सिर्फ केरला पुलिस है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर कुल फॉलोवर्स की संख्या के मामले में बिहार पुलिस अब चौथे नंबर पर पहुंच चुकी है। कुल फॉलोवर्स के मामले में बिहार पुलिस से आगे अब सिर्फ उत्तर प्रदेश, केरला और महाराष्ट्र पुलिस है। इस उपलब्धि पर बिहार पुलिस का मीडिया पीआर देख रहे सीनियर जर्नलिस्ट संजीत मिश्रा ने कहा कि पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर में बिहार पुलिस की टीम चौबीसों घंटे बेहतरीन काम कर रही है, इसी का परिणाम है कि लोगों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। बिहार पुलिस अपनी क्रिएटीविटी से लगातार लोगों के दिल में अपनी जगह बना रही है।
पब्लिक से सीधे जुड़ाव के कारण ही बिहार पुलिस के फॉलोवर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर में चौबीसों घंटे काम कर रहे पुलिसकर्मी ससपेक्टेड अकाउंट पर भी नजर रखते हैं। सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह फैलाने वाले, भ्रामक या उन्माद फैलाने वाले पोस्ट करने वाले, हथियार का प्रदर्शन करने वाले, किसी का वीडियो वायरल करने वाले या फिर फेक अकाउंट बनाने वालों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है। इस तरह की गतिविधियों से किसी भी तरह से समाज या लोगों को दिग्भ्रमित करने वालों के खिलाफ संबंधित अधिकारी या विभाग को पूरी जानकारी भेजी जाती है, ताकि समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके। इस कदम से सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास लगातार बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स की संख्या की बात करें तो बिहार पुलिस राज्य के किसी भी अन्य सरकारी विभाग से बहुत आगे है। पिछले साल राजस्थान पुलिस ने भी सोशल मीडिया सेंटर का विज़िट कर यहां के कामकाज को समझने की कोशिश की थी कि कैसे सोशल मीडिया के जरिए पुलिसिंग को और बेहतर किया जा सकता है।
सोशल मीडिया के जरिए साइबर फ्रॉड आजकल आमलोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इससे बचने के लिए बिहार पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। साइबर फ्रॉड जागरूकता से जुड़े पोस्ट लगभग रोज ही पोस्ट किए जाते हैं, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। दरअसल, डिजिटल अरेस्टिंग जैसे टर्म को यूज कर या इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से उनकी कमाई ठगी जाती है। इससे बचने का यही तरीका है कि आप जागरूक रहें और अपने करीबी व आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। फोटो या वीडियो के जरिए आसान तरीके से बिहार पुलिस के पेज पर लोगों को जागरूक किया जाता है कि पुलिस या कोई भी अधिकारी फोन कॉल कर न तो पैसे की डिमांड करते हैं और न ही किसी तरह की धमकी देते हैं। लोग जितना ज्यादा जागरूक होंगे, ऐसे फ्रॉड के जाल में उतना ही कम फँसेंगे। बिहार पुलिस की तरफ से लोगों से लगातार अपील की जाती है कि डिजिटल अरेस्टिंग जैसा कुछ होता नहीं है, यह बस लोगों के झांसे में लेकर उनके पैसे लूटने का एक जरिया है। न तो पुलिस के अफसर और न ही कोई अधिकारी फोन पर इस तरह की जानकारी या धमकी देते हैं, इसलिए लोगों को ऐसे कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए।