Raniganj अवैध बालू तस्करी धड़ल्ले से, भड़के ग्रामीण
बंगाल मिरर, रानीगंज : रानीगंज के तिराट घाट से तीन जगहों पर बालू निकाला जा रहा है। एक ईसीएल का बालू निकलता है जिसके आड़ में सुबह 3:00 बजे से 6:00 बजे तक अवैध रूप से बालू निकाला जाता है। जिसे विभिन्न जगहों पर भेजा जाता है। इसके अलावा आसनसोल के निवासी मलय नामक व्यक्ति को बालू निकालने का ठेका मिला है। जहां 18 चक के ट्रक 40 से 50 टन तक बालू लोड लेकर निकलते हैं जबकि ग्रामीण सड़क की क्षमता मात्र 10 टन की है। जिसकी वजह से ग्रामीण सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है यही नहीं हाड़ाभांगा ब्रिज जिससे होकर सभी वाहन गुजरते हैं। उसे ब्रिज की हालत अत्यंत थी जर्जर है वह ब्रिज कभी भी ध्वस्त हो सकता है। इसके अलावे इन बालू लदे वाहनों को जो चालान दिया जाता वह दामोदर नदी के पुरूलिया जिले का दिखाया जा रहा है। जबकि बालू दामोदर नदी के बांकुड़ा जिले के शालतोड़ ब्लॉक के शालमा पंचायत अंतर्गत साहेबडांगा से बालू निकाला जा रहा है जो की रानीगंज ब्लॉक के तिराट ग्राम पंचायत इलाके के ग्रामीण सड़कों से होकर बालू लदे भारी वाहनों से निकाला जाता है।




यही नहीं ट्रैक्टर के माध्यम से एक अलग घाट से मलय के नाम पर ही बालू निकाला जाता है। जिसमें स्थानीय दिलीप नाम के व्यक्ति शामिल है। एक कर्मचारी से पहचान छुपा कर ग्राहक बनकर बात करने पर उसने बताया कि लोकल में बालू ₹3200 प्रति ट्रॉली दिया जा रहा है जब चालान के साथ बालू लेने की बात की गई तो उन्होंने बताया कि चालान का दाम ₹4000 है कितना महंगा बालू लेना संभव नहीं हो पाएगा। इसलिए बिना चालान के ही बालू दिया जाएगा। यहां से प्रतिदिन सैकड़ो ट्रैक्टर ट्राली यहां से बालू निकालकर आसनसोल तथा आसपास के जगह पर जा रहे हैं। सभी ट्रैक्टरों में बालू ओवरलोड रहता है। यहां तक कि कई ट्रैक्टरों को उसके क्षमता से दोगुना साइज तक बनाया गया है। जिसमें ओवरलोड बालू की तस्करी चल रही है।

नदी से अवैध रूप से बालू निकालने जर्जर सड़क एवं हाड़ा lभांगा ब्रिज की जर्जर अवस्था के खिलाफ एवं स्थानीय बेरोजगारों को बालू घाट में काम देने की मांग पर हाड़ाभांगा एवं तिराट इलाके के महिलाओं ने सोमवार को बालू लदे वाहनों को रोक दिया एवं धरना प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि हमारे इलाके से अवैध रूप से नदी से बालू निकालकर भारी वाहनों से बाहर भेजा जा रहा है जिससे हमारे गांव की सड़क खराब हो गई हैं। इस सड़क से हम लोग आना-जाना करते हैं बच्चे स्कूल जाते हैं जिससे काफी परेशानी होती है एवं दुर्घटना का भय रहता है। इसके अलावे यहां बालू घाटों में बाहरी लोग आकर काम कर रहे हैं जबकि स्थानीय ग्रामीण बेरोजगार हैं। हम लोगों की मांग है कि ग्रामीण सड़क को अच्छे तरह से बनाया जाए एवं स्थानीय बेरोजगारों को बालू घाट में काम दिया जाए। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी हम लोग यहां से बालू वाहन नहीं चलने देंगे।

वहीं दूसरी और बाउरी समाज के बैनर तले स्थानीय ग्रामीणों ने हाड़ाभांगा ब्रिज को भी जामकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस ब्रिज से होकर भारी वाहन गुजरते हैं। जबकि ब्रिज की क्षमता उतनी नहीं है। जिसकी वजह से ब्रिज की हालत अत्यंत ही जर्जर हो गई है। इसे लेकर हम लोगों ने स्थानीय प्रशासन पंचायत को कहा है परंतु प्रशासन के कान में जू नहीं रेंग रही है। अगर ब्रिज को जल्द से जल्द मरम्मत नहीं किया गया तो हम लोग बड़ा आंदोलन करेंगे एवं इस ब्रिज से बड़े वाहनों को नहीं गुजरते देंगे। खबर पाकर मौके पर पुलिस पहुंच गई पुलिस ने प्रदर्शन कार्यों को समझने का प्रयास किया खबर लिखे जाने तक बालू लदे वाहनों का आवागमन बंद था।