Asansol : करोड़ों की ठगी में टीपू, शुभम और अर्जुन रिमांड पर, रेलपार में भी क्या गुब्बारा फुटेगा ?
बंगाल मिरर, एस सिंह: ( Asansol News Updates ) गरीबों के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले नटवरलाल टीपू की गिरफ्तारी के बाद आसनसोल पुलिस ने इस रैकेट के दो अन्य अहम कड़ियों, फाइनेंस कंपनी के एजेंट शुभम केशरी और सामान खपाने वाले अर्जुन महतो को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को राहालेन से अर्जुन महतो की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद जगी है। शनिवार को अर्जुन को आसनसोल कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। इस ठगी कांड ने न केवल सैकड़ों गरीब परिवारों को परेशानी में डाला है, बल्कि दुकानदारों में भी खौफ पैदा कर दिया है।




ठगी का जाल: कैसे बिछाया गया फंदा
नटवरलाल टीपू ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों, खासकर महिलाओं को निशाना बनाया। इनमें से 70% ठगी के शिकार लोग लक्खी भंडार योजना पर निर्भर हैं। टीपू और उसके साथी शुभम केशरी ने क्रोमा इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम में लोन दिलवाने के बहाने लोगों के दस्तावेज जमा करवाए। पीड़ितों को 5,000 से 10,000 रुपये का लोन देकर बिना ब्याज की बात कही गई, लेकिन उनके नाम पर लाखों रुपये के एसी, टीवी, लैपटॉप, और आईफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान फाइनेंस करवा लिए गए।
पीड़ित सीमा कौर ने बताया, “मुझे 5,000 रुपये का लोन देने की बात कहकर शोरूम बुलाया गया। मेरे दस्तावेज जमा करवाए गए, लेकिन बाद में पता चला कि मेरे नाम पर लैपटॉप, मोबाइल, फ्रिज और वाशिंग मशीन फाइनेंस कर दी गई।” इसी तरह, रेयामा खातून ने कहा, “टीपू ने 10,000 रुपये लोन का वादा किया, लेकिन मेरे नाम पर टीवी, लैपटॉप और मोबाइल फाइनेंस करवा लिया। अब फाइनेंस कंपनी मेरे खाते से लक्खी भंडार के पैसे काट रही है।”
अर्जुन महतो की भूमिका और दुकानदारों में खौफ
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि अर्जुन महतो का काम टीपू द्वारा ठगी के जरिए हासिल किए गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों को बाजार में खपाना था। उसने राहालेन, चेलीडांगा, बर्नपुर पुलिस लाइन और बर्नपुर स्टेशन रोड की दुकानों में कम कीमत पर ये सामान बेचे। लालच में आए दुकानदारों ने बिना जांच-पड़ताल के सामान खरीद लिया। अर्जुन की गिरफ्तारी के बाद इन दुकानदारों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि पुलिस अब इन दुकानों की भी जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट ने 700 से 800 लोगों को ठगी का शिकार बनाया। इनमें ज्यादातर गरीब महिलाएं हैं, जिन्हें हर महीने उन सामानों की किश्त चुकानी पड़ रही है, जो उन्होंने कभी खरीदे ही नहीं। फाइनेंस कंपनियां इनके खातों से लक्खी भंडार के पैसे काट रही हैं, जिससे पीड़ितों का जीवन और कठिन हो गया है।
17 मार्च को पीड़ितों का प्रदर्शन
17 मार्च को ठगी के शिकार सैकड़ों लोगों ने आसनसोल के क्रोमा इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम के सामने प्रदर्शन किया था। उन्होंने टीपू और फाइनेंस कंपनियों के एजेंटों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। पीड़ितों का कहना था कि शोरूम में बैठे फाइनेंस एजेंट्स ने साजिश के तहत उनके नाम पर करोड़ों रुपये का सामान फाइनेंस करवाया।
पुलिस जांच और आगे की उम्मीद
पुलिस ने टीपू और शुभम केशरी को पहले ही रिमांड पर लिया है, और अब अर्जुन महतो की गिरफ्तारी से इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है। अगर पुलिस गहन जांच करे तो न केवल इस ठगी गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सकता है, बल्कि पीड़ितों के पैसे भी वापस दिलाए जा सकते हैं।
लोगों से सावधानी की अपील
आसनसोल पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी लोन या फाइनेंस योजना में शामिल होने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। साथ ही, अपने दस्तावेज सौंपने से पहले उनकी विश्वसनीयता की पुष्टि करें।