बंगाल के 3 की मौत, सीएम ने जताया दुख, दुर्गापुर में पले- बढ़े थे बितान
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : जम्मू -काश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में पर्यटकों पर भारतीय सेना की वर्दी पहनकर आतंकवादियों के कायराना हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गयी। इनमें पश्चिम बंगाल के 3 पर्यटक भी शामिल थे। आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के अधीन काम करने वाले टीआरएफ अर्थात द रजिस्ट्रेशन फ्रंट के आतंकियों ने पहले पर्यटकों का धार्मिक परिचय जाना, फिर पुरुषो को गोली का निशाना बनाया और उनके साथ महिलाओं को इस हत्याकांड की वजह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को बताया। इस कायराना हमले में पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बेहाला के रहने वाले समीर गुहा और कोलकाता के ही वैष्णवघाटा के पातुली निवासी एवं दुर्गापूर के पूर्व निवासी बितन अधिकारी और पुरुलिया निवासी मनीष रंजन मिश्रा शामिल है। समीर गुहा, मनीष रंजन मिश्रा और बितन अधिकारी की मौत पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक वक्त किया है और साथ ही साथ इस हमले की कड़ी निंदा की है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मृतक के परिवारो से फोन पर संपर्क भी किया। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ हर संभव मद्द के लिए खड़ा रहने का आश्वासन भी दिया।




कश्मीर के पहलगाम में मारे गए पश्चिम बंगाल के इन 3 पर्यटकों के पार्थिव शरीर को उनके पुरुलिया के झालदा और कोलकाता के बेहाला और पातुली में लाने की व्यवस्था की जा रही है। मारे गए तीनों परिवार की महिलाओं ने बताया कि किस तरह उनके सामने आतंकवादियों ने यह हत्याएं की है। शायद यह पहला मौका है जब आतंकवादियों ने पहले धार्मिक परिचय जाना, फिर उसकी हत्या की। सबसे बड़ी बात यह है कि इस हत्याकांड में केवल पुरुषो को ही चुन-चुनकर निशाना बनाया गया और महिलाओं को अपनी आपबीती दुखड़ा पूरे देश को सुनाने के लिए छोड़ दिया।
पहलगाम आतंकी हमले में बंगाल के पर्यटक बितान अधिकारी की दुखद मृत्यु, दुर्गापुर में शोक की लहर दौड़ गई है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर निवासी बितान अधिकारी की मृत्यु हो गई। बितान, जो वर्तमान में फ्लोरिडा (अमेरिका) में आईटी पेशेवर के रूप में कार्यरत थे, अपनी पत्नी सोहिनी और साढ़े तीन साल के बेटे के साथ कश्मीर घूमने आए थे। इस हमले ने उनके परिवार और दुर्गापुर के लोगों को गहरे शोक में डुबो दिया।
बितान का जन्म 1985 में दुर्गापुर के सेकेंडरी रोड स्थित स्टील टाउनशिप में हुआ था। उनके पिता बीरेश्वर अधिकारी एलॉय स्टील प्लांट में कार्यरत थे। बितान ने हर्षवर्धन रोड प्राइमरी स्कूल, शिवाजी रोड बॉयज हाई स्कूल और फुलझोड़ के बीसी राय इंजीनियरिंग कॉलेज से आईटी में पढ़ाई की। 2008 में टीसीएस में नौकरी मिलने के बाद वह दुर्गापुर छोड़ गए। हाल ही में वह छुट्टियां मनाने पत्नी और बेटे के साथ भारत लौटे थे।
16 अप्रैल को बितान परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे और 24 अप्रैल को लौटने वाले थे। लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया। बितान गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। बितान की मृत्यु की खबर से दुर्गापुर के सेकेंडरी रोड और उनके पुराने पड़ोसी शोक में हैं। उनके स्कूल, शिवाजी रोड बॉयज हाई स्कूल के सहपाठी भी उनके निधन से स्तब्ध हैं और स्कूल के सामने एकत्र होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बितान की यादें, उनके खेल-कूद और उत्सवों में भागीदारी आज भी उनके पड़ोसियों और दोस्तों के जेहन में ताजा हैं।