Asansol : वायु प्रदूषण जानलेवा, ठोस कचरा प्रबंधन जरूरी
बंगाल मिरर, आसनसोल, 29 अप्रैल 2025: आसनसोल नगर निगम के आलोचना भवन में आज असर फाउंडेशन के तत्वावधान में “मीडिया लीडरशिप ऑन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड एयर क्वालिटी” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर असर फाउंडेशन की पंपा चक्रवर्ती, आईआईटी धनबाद की प्रोफेसर मधुमिता पटेल और सुरेश पांडियन, आसनसोल जिला अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. गौतम मंडल, दुर्गापुर के सीएमईआरआई के प्रोफेसर पार्थ दास और वरिष्ठ पत्रकार बिस्वदेब भट्टाचार्य ने वक्ता के रूप में अपनी बात रखी।। इस मौके पर नगर निगम के सहायक अभियंता सौरीन्द्र घोष, अबू जाफर, एसआई इंचार्ज कृष्णपद घोष, असर की पंपा चक्रवर्ती, रमेश कुमार आदि थे।




वक्ताओं ने पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों पर चर्चा की, जिसमें घरेलू प्रदूषण, सड़कों से होने वाला प्रदूषण और कारखानों से निकलने वाला प्रदूषण शामिल है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर वाहनों से निकलने वाला डीजल-पेट्रोल का धुआं और उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। विशेषज्ञों ने पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाले ईंधन के उपयोग की सलाह दी और सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीकों, जैसे मैकेनिकल स्वीपर से सफाई, को अपनाने पर जोर दिया।
सीएमईआरआई के प्रोफेसर पार्थ दास ने रीसाइक्लिंग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में किसी भी कचरे को बाहर नहीं फेंका जाता, बल्कि उसे रीसाइकिल कर संपदा में बदला जाता है। वहीं, प्रोफेसर मधुमिता पटेल और सुरेश पांडियन ने ठोस कचरा प्रबंधन को वायु प्रदूषण कम करने का एक प्रभावी तरीका बताया। डा. मंडल ने बताया किस तरह से वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो रहा है। इससे दुनिया भर में बीते ढाई दशक में 1 करोड़ बच्चों की मौत हो चुकी है।
वरिष्ठ पत्रकार बिस्वदेब भट्टाचार्य ने प्रशासन की नाकामी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या के लिए केंद्र और राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में 160 इलेक्ट्रिक चूल्हे प्रदान किए गए थे ताकि कोयले का उपयोग कम हो, लेकिन अब उनकी स्थिति का कोई अता-पता नहीं है। भट्टाचार्य ने मंगलपुर, जमुरिया और शहर के मध्य क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रशासन से गंभीरता से कदम उठाने की मांग की।सेमिनार में विशेषज्ञों ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होने और टिकाऊ समाधानों को अपनाने की अपील की। यह आयोजन आसनसोल में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक ठोस कदम साबित हुआ।