Modi Sarkar पर तृणमूल सांसद का तीखा हमला, ‘पाकिस्तान के साथ युद्ध का नाटक, टांय-टांय फिस्स, ठन-ठन गोपाल
बंगाल को बदनाम करने की साजिश’
बंगाल मिरर, दुर्गापुर : ( Kirti Azad Slams Modi government) के बर्धमान-दुर्गापुर से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कीर्ति आजाद ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश में आतंकियों को घुसपैठ करवाकर ‘युद्ध-युद्ध’ का नाटक कर रही है और बंगाल को बदनाम करने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठा रही है। शनिवार को दुर्गापुर में अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कीर्ति आजाद ने केंद्र सरकार की नाकामी और बंगाल के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर तीखी आलोचना की।




कीर्ति आजाद ने कहा, “देश की खुफिया एजेंसियां पूरी तरह विफल हो चुकी हैं। बीजेपी बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ की आलोचना करती है, लेकिन खुद आतंकियों को देश में घुसने दे रही है और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का नाटक रच रही है। यह सब ‘टाई टाई फिस, ठनठन गोपाल’ जैसा है।” उन्होंने कश्मीर में हाल के आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि अगर सरकार इतनी सक्षम है तो पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा में इतनी देरी क्यों हो रही है?
उन्होंने खुफिया तंत्र की नाकामी पर भी सवाल उठाए।सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री पहलगाम नहीं जा सके, कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन बिहार का दौरा कर रहे हैं क्योंकि वहां अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?”
कीर्ति आजाद ने केंद्र सरकार पर बंगाल के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि 2021 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से बीजेपी ने बंगाल में विकास कार्यों में बाधा डालने और राज्य को उसका हक देने से इनकार करने का काम किया है।उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार बंगाल को उसके जायज हक से वंचित कर रही है। बंद पड़े सार्वजनिक उपक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए मैंने लोकसभा में सवाल उठाए, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।”
कीर्ति आजाद ने इस दौरान अपने एक साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा भी पेश किया और क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी।प्रेस कॉन्फ्रेंस में पश्चिम बंगाल के पंचायत और सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार भी मौजूद थे। कीर्ति आजाद के इन बयानों ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव को उजागर किया है, और यह मुद्दा आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।