Asansol : “सिटीजन्स फॉर नेशनल सिक्योरिटी” की विशाल “सिंदूर यात्रा”
बंगाल मिरर, आसनसोल, राजा बंदोपाध्याय:कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की। इस अभूतपूर्व सैन्य उपलब्धि का उत्सव आज पश्चिम बंगाल के आसनसोल में गूंजा। इस उपलब्धि को सम्मान देने के लिए रविवार शाम को आसनसोल शहर में “सिटीजन्स फॉर नेशनल सिक्योरिटी” की ओर से एक विशाल “सिंदूर यात्रा” निकाली गई।




इस यात्रा में पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, कुलटी के विधायक डॉ. अजय पोद्दार, राज्य बीजेपी नेता कृष्णेंदु मुखोपाध्याय, बीजेपी के आसनसोल संगठनात्मक जिला अध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य, कैप्टन अनुपम बंदोपाध्याय, समाजसेवी बुम्बा मुखोपाध्याय, अभिजीत आचार्य, अरिजीत राय , प्रदीप सिंह सहित हजारों नागरिकों ने हिस्सा लिया।
इस पदयात्रा की सबसे खास बात थी भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों की भागीदारी, जो नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले। इसने शहर की सड़कों पर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। सभी के दिल और जुबान पर भारतीय सैनिकों की वीरता और शौर्य की गाथा थी।यात्रा के दौरान “जय हिंद”, “भारत माता की जय” और “भारतीय सेना जिंदाबाद” के नारों से वातावरण गूंज उठा। प्रतिभागियों ने तिरंगा झंडा और बैनर थामे हुए थे, जिन पर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना की वीरता की प्रशंसा में नारे लिखे थे। इस दौरान डेढ़ सौ मीटर का तिरंगा आकर्षण का केंद्र रहा।
इस अवसर पर सांसद ज्योतिरमय सिंह महतो ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, यह भारत के सम्मान और नागरिकों की सुरक्षा का प्रतीक है। हमारी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा जवाब देकर विश्व में भारत की ताकत का प्रदर्शन किया है। यह बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत जवाब है।”कुलटी के विधायक डॉ. अजय पोद्दार ने कहा, “पहलगाम हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। भारतीय सेना ने 15 दिनों के भीतर इस कायरतापूर्ण हमले का बदला लेकर दिखा दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर चल रहा है।
“सिटीजन्स फॉर नेशनल सिक्योरिटी के प्रतिनिधि और जिला अध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य ने कहा, “यह यात्रा भारतीय सेना के प्रति हमारी कृतज्ञता और एकजुटता का प्रतीक है। पूर्व सैनिकों की मौजूदगी ने इस यात्रा को और गौरवमय बना दिया।”कृष्णेंदु मुखोपाध्याय ने कहा, “भारत ने दिखा दिया कि वह क्या कर सकता है। यदि पड़ोसी देश आतंकवादियों को समर्थन देता है, तो भविष्य में इसका जवाब और कड़ा होगा।
“कैप्टन अनुपम बंदोपाध्याय ने कहा, “हम आज सड़कों पर उतरकर अपनी सेना को सलाम कर रहे हैं।”यह भव्य और सुसज्जित “सिंदूर यात्रा” आसनसोल के जीटी रोड पर रवींद्र भवन के सामने बीएनआर मोड़ से शुरू होकर शहर की प्रमुख सड़कों से होते हुए चित्रा मोड़ पर समाप्त हुई। यह आयोजन न केवल भारतीय सेना की वीरता का उत्सव था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता का भी प्रतीक बना।