Asansol : पार्किंग संचालक नगर निगम को लग रहे चुना, 10 करोड़ बकाया, कार्रवाई क्यों नहीं : राजू
बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल नगर निगम की पार्किंग व्यवस्था एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। तृणमूल कांग्रेस श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी के वरिष्ठ नेता राजू अहलूवालिया ने तृणमूल शासित निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि पार्किंग ऑपरेटरों से करीब 10 करोड़ रुपये बकाया होने के बावजूद निगम ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही इस संबंध में कोई एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले ने निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




17 संचालक ब्लैकलिस्ट, फिर भी कार्रवाई शून्य
राजू अहलूवालिया ने बताया कि निगम ने कुल 17 पार्किंग एजेंटों को ब्लैकलिस्ट किया है, लेकिन इनमें से किसी के खिलाफ भी कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने सवाल उठाया, “10 करोड़ रुपये की बकाया राशि आखिर किनके दबाव में छोड़ी जा रही है? क्या रसूखदार लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है?” अहलूवालिया ने इस मामले को जनता की गाढ़ी कमाई के साथ धोखाधड़ी करार देते हुए कहा कि यह एक बड़े घोटाले का संकेत हो सकता है।
स्वतंत्र जांच की मांग
अहलूवालिया ने इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उनका कहना है कि निगम की चुप्पी और निष्क्रियता यह दर्शाती है कि कहीं न कहीं बड़े स्तर पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “जनता को जवाब चाहिए कि 10 करोड़ रुपये की वसूली क्यों नहीं हुई? क्या इसके पीछे कोई गुप्त सौदा है?” उन्होंने प्रशासन से इस मामले में पारदर्शिता बरतने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
निगम की चुप्पी, बढ़ता राजनीतिक तनाव
आसनसोल नगर निगम की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। निगम की इस मौन नीति ने विवाद को और हवा दी है। राजनीतिक हलकों में यह मुद्दा तेजी से गर्म हो रहा है और माना जा रहा है कि आगामी निगम बैठकों में यह मामला जोर-शोर से उठेगा। तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता भी इस मुद्दे पर मुखर हो सकते हैं, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ सकता है।
जनता का विश्वास दांव पर
यह विवाद न केवल निगम की पार्किंग व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, बल्कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों ने जनता के विश्वास को भी हिलाकर रख दिया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि उनकी मेहनत की कमाई का पैसा आखिर कहां जा रहा है और क्यों जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हुए हैं।
क्या है अगला कदम?
इस मामले में जल्द ही स्वतंत्र जांच शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। जनता की नजरें अब निगम प्रशासन और राज्य सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या निगम भ्रष्टाचार के इन आरोपों को नजरअंदाज कर राजनीतिक दबावों में काम कर रही है? अगर जांच में पारदर्शिता बरती गई, तो यह मामला न केवल दोषियों को उजागर कर सकता है, बल्कि निगम की विश्वसनीयता को फिर से स्थापित करने में भी मदद कर सकता है।**निष्कर्ष**आसनसोल नगर निगम की पार्किंग व्यवस्था से जुड़ा यह विवाद न केवल प्रशासनिक नाकामी को दर्शाता है, बल्कि जनता के हितों की अनदेखी का भी प्रतीक बन गया है। अब यह देखना बाकी है कि क्या निगम इन गंभीर आरोपों का जवाब दे पाएगा और जनता के खोए विश्वास को वापस जीत पाएगा।(https://bengalmirrorthinkpositive.com/2024/11/09/asansol-%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%2583%25E0%25A4%25A3%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2582%25E0%25A4%25B2-%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25A6-%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE-%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE-%25E0%25A4%2594/)