Asansol : अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी, नगर निगम के रिटायर्ड इंजीनियर को 32 दिन डिजिटल अरेस्ट कर लूटे 1.65 करोड़
बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट में साइबर अपराधियों ने पुराने तरीके से आसनसोल नगर निगम के पूर्व अधिकारी सुकुमार दे को 32 दिन डिजिटल अरेस्ट में रखकर 1.65 करोड़ रुपये लूट लिए। यह क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा साइबर क्राइम है।




9 मई को सुकुमार को एक फोन आया, जिसमें कॉलर ने खुद को बीएसएनएल अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके आधार से मुंबई में लिया गया सिम देश-विरोधी गतिविधियों, अवैध लेनदेन और पोर्न फिल्म बनाने में इस्तेमाल हुआ है। अपराधियों ने फर्जी सुप्रीम कोर्ट लेटरहेड और बैंक स्टेटमेंट भेजकर सुकुमार के नाम पर 20 करोड़ रुपये का खाता होने का दावा किया। डराने-धमकाने के बाद सुकुमार ने अपने बैंक खाते की सारी राशि और गहने गिरवी रखकर अपराधियों के बताए आरबीआई खाते में ट्रांसफर कर दी।
32 दिन तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल से निगरानी और हर दो घंटे में लोकेशन भेजने की बाध्यता थी। जब अपराधियों ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन के फर्जी हस्ताक्षर वाला आदेश भेजा, तब सुकुमार को ठगी का एहसास हुआ। 11 जून को उन्होंने आसनसोल साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने केस नंबर 48/25 दर्ज कर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 316(2), 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2)/61(2) के तहत जांच शुरू की। मामला अब राज्य साइबर क्राइम विभाग को भेजा गया है।
सावधानी: अज्ञात कॉलर को निजी जानकारी न दें। सरकारी एजेंसियां वीडियो कॉल से जांच नहीं करतीं। संदिग्ध कॉल की शिकायत 1930 या cybercrime.gov.in पर करें।