साइबर ठगी का गढ़ बन रहा नियामतपुर, पुलिस ने एक को दबोचा एक फरार
साइबर ठगों को कई सफेदपोशों का संरक्षण
बंगाल मिरर, नियामतपुर : आसनसोल के कुलटी थाना अंतर्गत नियामतपुर पुलिस फाड़ी क्षेत्र में नियामतपुर बाजार स्थित एक एटीएम मशीन से 20 हजार रुपये निकालते हुए नियामतपुर पुलिस ने दो युवकों को धर दबोचा। इनमें से एक युवक पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा, जबकि दूसरे को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार युवक की पहचान नियामतपुर मोची पाड़ा निवासी सागर रुई दास के रूप में हुई है, जबकि फरार युवक का नाम सोदपुर निवासी अजित सिंह बताया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों युवक साइबर ठगी का पैसा निकालने के लिए नियामतपुर बाजार स्थित एटीएम पर गए थे। जैसे ही उन्होंने एटीएम मशीन में कार्ड का इस्तेमाल किया, पुलिस को इसकी सूचना मिल गई और तत्काल पुलिस एटीएम पर पहुंच गई। दोनों युवक पैसे निकालकर भागने का प्रयास कर रहे थे, तभी अजित सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया, लेकिन सागर पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा।




पुलिस सूत्रों ने बताया कि सागर और अजित ने मिलकर एक साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया था और ठगी का पैसा उन्होंने किसी खाते में जमा करवा दिया था। इसके बाद वे उस खाते से एटीएम के जरिए पैसे निकालने के लिए निकले थे। उन्हें यह अंदाज़ा नहीं था कि जिस खाते में उन्होंने अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर किए थे, उस पर साइबर पुलिस की पहले से ही नज़र थी। साइबर पुलिस उन दोनों का नंबर ट्रैक कर रही थी, जिसका इस्तेमाल कर उन्होंने साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया था। साथ ही उस खाते के एटीएम पर भी नज़र रखी जा रही थी, जिसमें साइबर ठगी के पैसे ट्रांसफर हुए थे।
पुलिस को दोनों सिग्नल एक साथ मिले, जिसके बाद साइबर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और साइबर ठगों को घेर लिया। हालांकि, पुलिसिया कार्रवाई में अजित तो गिरफ्तार हो गया, लेकिन सागर पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल होकर पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती दे गया।
पुलिस ने अजित को आसनसोल अदालत में पेश कर उसे पांच दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। वहीं, दूसरी ओर पुलिस सागर को धर दबोचने के साथ-साथ उसकी टीम से जुड़े अन्य सक्रिय सदस्यों को भी पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है। पुलिस उनके नेटवर्क के फैलाव का भी पता लगा रही है।
हम आपको बता दें कि नियामतपुर से जामताड़ा महज 30 से 32 किलोमीटर की दूरी पर है। जामताड़ा, जिसे कभी साइबर ठगों का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता था, जहां के साइबर ठगों ने देश ही नहीं, बल्कि विदेशी नागरिकों के अकाउंट भी पलक झपकते ही खाली कर दिए थे। हालांकि, वर्तमान समय में जामताड़ा में साइबर ठगी के मामले अब न के बराबर हैं। पुलिस काफी हद तक जामताड़ा के साइबर ठगों पर लगाम लगाने में सफल रही है।
लेकिन जामताड़ा के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल का आसनसोल, जहां का नियामतपुर इलाका धीरे-धीरे साइबर ठगों का पनाहगाह बन गया है। अब साइबर ठग जो काम जामताड़ा से करते थे, वह काम नियामतपुर से करने लगे हैं और बंगाल पुलिस के लिए भी एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। ऐसे में जहां साइबर ठग डाल-डाल चल रहे हैं, वहीं नियामतपुर पुलिस फाड़ी पात-पात चल रही है। अब देखना यह है कि दोनों में से कौन किस पर भारी पड़ेगा – पुलिस पर साइबर ठग, या फिर साइबर ठग पर पुलिस।