Asansol : अवैध कोयला खदान में जहरीली गैस से दो की मौत, रेस्क्यू में देरी से आक्रोश
बंगाल मिरर, एस सिंह: जामुड़िया थाना क्षेत्र के हिंजोलगोड़ा पंचायत के बरुई ग्राम में एक अवैध कोयला खदान में कोयला खनन के दौरान दो मजदूरों, रवि कर्मकार और संजीत बाउरी, की जहरीली गैस के रिसाव के कारण मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना देर रात घटी, जब चार मजदूर अवैध खदान में कोयला उत्खनन के लिए उतरे थे। अचानक हुए गैस रिसाव के कारण दो मजदूर खदान से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन रवि और संजीत खदान के अंदर फंस गए।घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी दोनों मजदूरों को खदान से बाहर नहीं निकाला जा सका।




स्थानीय लोगों ने जामुड़िया थाना पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने ईसीएल (ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। हालांकि, अभी तक घटनास्थल पर कोई रेस्क्यू टीम नहीं पहुंची है, जिससे इलाके में लोगों का गुस्सा भड़क रहा है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और स्थानीय लोग ईसीएल प्रबंधन, सीआईएसएफ, और पुलिस के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि जल्द से जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाए ताकि कम से कम मृतकों के शवों को बाहर निकाला जा सके। उनका कहना है कि भले ही मजदूरों की मौत हो चुकी हो, उनके शवों को निकालकर परिजनों को सांत्वना दी जा सकती है। रेस्क्यू में देरी के कारण लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
भाजपा नेता का गंभीर आरोप
घटनास्थल पर मौजूद भाजपा नेता संतोष सिंह ने इस हादसे के लिए राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए फंड जुटाने के लिए तृणमूल नेता अवैध कोयला खदानों का संचालन कर रहे हैं। इन खदानों में मजदूरों को मात्र 400 रुपये की दिहाड़ी पर अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है। सिंह ने हाल ही में कुल्टी के बीसीसीएल कोयला खदान में एक अन्य मजदूर की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भी कोयला माफियाओं ने शव को जलाकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की थी, जिसका वीडियो और तस्वीरें वायरल हुई थीं।
अवैध कोयला खनन का जाल
संतोष सिंह ने दावा किया कि कुल्टी, जामुड़िया, सलानपुर, बाराबनी, रानीगंज, और पांडेश्वर जैसे इलाकों में कोयला माफिया छुप-छुपाकर अवैध खनन कर रहे हैं, और न तो कोई उन्हें रोक रहा है और न ही टोक रहा है। हालांकि, ईसीएल और बीसीसीएल के अधिकारी समय-समय पर अवैध खदानों के मुहानों को बंद करने और छापेमारी के दावे करते हैं, लेकिन यह सिर्फ कागजी कार्रवाई तक सीमित रहता है। हकीकत में, अवैध खनन बेरोकटोक चल रहा है, और ऐसी घटनाओं की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है।
आगे क्या?
इस घटना ने एक बार फिर अवैध कोयला खनन के खतरों और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर किया है। स्थानीय लोग और मृतकों के परिजन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच, पुलिस और प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए।