धर्म-अध्यात्म

अमरनाथ की पवित्र यात्रा से लौटे असनसोल के श्रद्धालुओं ने साझा किया अनोखा अनुभव

बंगाल मिरर, असनसोल, 13 जुलाई 2025: पवित्र अमरनाथ यात्रा को संपन्न कर असनसोल के छह श्रद्धालु—पंकज कुमार सिंह, संजीत रविदास, फाल्गुनी मुखर्जी, कुलदीप कुमार, विक्रम कुँवर, और मनोज शर्मा—हाल ही में अपने घर लौटे हैं। इन तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन के अपने अनुभव को “अनोखा और अविस्मरणीय” बताया। इस वर्ष की यात्रा, जो 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हो रही है।

पंकज कुमार सिंह ने बताया, ” बाबा अमरनाथ के दर्शन का अनुभव आत्मिक शांति देने वाला था।” संजीत रविदास ने कहा कि यात्रा के दौरान प्रशासन और सुरक्षा बलों की व्यवस्था बेहद सराहनीय थी। “हमें कोई डर नहीं था। हर कदम पर सुरक्षा और सहायता उपलब्ध थी,” ।

फाल्गुनी मुखर्जी ने बताया कि 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर तक पहुंचना एक कठिन लेकिन आध्यात्मिक अनुभव था। “पहाड़ों की चढ़ाई और प्रकृति की सुंदरता ने मन को मोह लिया। बाबा बर्फानी का दर्शन हर थकान को भुला देता है,” उन्होंने उत्साह से कहा। कुलदीप कुमार ने भी इसे जीवन का सबसे यादगार पल बताया।विक्रम कुँवर ने कहा, “यात्रा में ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। हम सभी एकजुट होकर चले, जैसे एक परिवार।”

मनोज शर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा, “पहलगाम और बालटाल मार्ग पर ड्रोन और चेकपॉइंट्स ने हमें सुरक्षित महसूस कराया।”इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा को ‘ऑपरेशन शिवा 2025’ के तहत भारतीय सेना ने और सुरक्षित बनाया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 2 जुलाई को जम्मू से यात्रा की पहली टोली को रवाना किया था। हालांकि, अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पंजीकरण में 10% की कमी देखी गई, लेकिन भक्तों का उत्साह अडिग रहा।असनसोल के इन श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए अन्य लोगों को भी इस पवित्र यात्रा के लिए प्रेरित किया। उनकी कहानियां भक्ति, एकता, और दृढ़ विश्वास का प्रतीक हैं, जो अमरनाथ यात्रा की महत्ता को और उजागर करती हैं।

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