ASANSOL

Asansol : कालीपहाड़ी में अवैध बालू डिपो को लेकर दो गुटों में टकराव, तनाव

बंगाल मिरर, आसनसोल, 18 जुलाई 2025: आसनसोल दक्षिण थाना अंतर्गत काली पहाड़ी इलाके में अवैध बालू डिपो को लेकर दो गुटों के बीच वर्चस्व की जंग ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। जिला प्रशासन ने बरसात के मौसम में नदियों से बालू के उठाव पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, बावजूद इसके काली पहाड़ी और आसपास आंचल में अवैध बालू का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, काली पहाड़ी और तिराट आंचल में 8 से 9 अवैध बालू डिपो संचालित हो रहे हैं। इन डिपो को नियंत्रित करने और बालू के अवैध कारोबार पर कब्जा जमाने को लेकर दो गुटों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। गुरुवार को यह विवाद हिंसक टकराव में बदल गया, जिसमें दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे चले। इतना ही नहीं, हथियार चमकाने की बात भी सामने आ रही है, जिसने क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

जिला प्रशासन की रोक के बावजूद अवैध कारोबार

जिला प्रशासन और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश के तहत बरसात के मौसम में नदियों से बालू के उठाव पर प्रतिबंध है। यह रोक 15 अक्टूबर तक लागू है, ताकि नदियों का पर्यावरण संतुलन बना रहे। इसके बावजूद, काली पहाड़ी और आसपास आंचल में दामोदर नदी के घाटों से अवैध रूप से बालू का उठाव और परिवहन बदस्तूर जारी है। सूत्रों का कहना है कि इन अवैध डिपो से न केवल स्थानीय सड़कों को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी लाखों रुपये की चपत लग रही है।

स्थानीय लोगों का आरोप

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अवैध बालू कारोबार में कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण प्रशासन की कार्रवाई प्रभावी नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि भारी वाहनों और ट्रैक्टरों से बालू के परिवहन के कारण क्षेत्र की सड़कें और पुल जर्जर हो गए हैं। इसके अलावा, अवैध खनन से नदी का पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। इस अवैध कारोबार में पप्पू, काजल, संतोष, हुदूम, गोविंद जैसे माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय है। टकराव के बाद काली पहाड़ी और आसपास आंचल में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग डर के साए में जी रहे हैं। जिला प्रशासन ने अवैध बालू खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है, लेकिन स्थानीय लोग इसे खानापूर्ति मान रहे हैं।

आगे क्या?

यह घटना एक बार फिर अवैध बालू खनन के गंभीर मुद्दे को सामने लाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक प्रशासन और पुलिस इस कारोबार में शामिल बड़े माफियाओं पर नकेल नहीं कसती, तब तक ऐसी घटनाएं रुकना मुश्किल है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अवैध डिपो को तत्काल बंद किया जाए और नदी घाटों की निगरानी के लिए स्थायी चेकनाके स्थापित किए जाएं। यह देखना बाकी है कि क्या इस घटना के बाद अवैध बालू कारोबार पर लगाम लग पाएगी या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।

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Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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