Bardhaman – Asansol मेमू ट्रेन में पंखे बंद, गर्मी में यात्रियों का हाल बेहाल, सुविधाओं की जिम्मेदारी पर सवाल
बंगाल मिरर, आसनसोल: भारतीय रेलवे, जो देश की जीवनरेखा मानी जाती है, एक बार फिर यात्रियों की सुविधाओं को लेकर सवालों के घेरे में है। 63517 बर्दवान-असनसोल मेमू ट्रेन में पंखों के बंद रहने के कारण यात्रियों को भीषण गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्रियों का कहना है कि रेलवे किराया तो वसूलती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखने में नाकाम साबित हो रही है। हाल ही में किराए में वृद्धि के बाद भी सुविधाओं की कमी ने यात्रियों के बीच रोष को और बढ़ा दिया है।




यात्री मनीष प्रसाद ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी शिकायत दर्ज की। उन्होंने लिखा, “63517 बर्दवान-असनसोल मेमू ट्रेन में पंखे बंद हैं, गर्मी से यात्रियों का बुरा हाल है। रेलवे किराया बढ़ा रही है, लेकिन सुविधाएं देने में विफल है।” उनकी शिकायत के बाद एक रेल कर्मचारी ने ट्रेन में जाकर स्थिति की जांच की, लेकिन समस्या का समाधान तुरंत नहीं हो सका। इससे यात्रियों में नाराजगी और बढ़ गई
।यात्रियों का कहना है कि गर्मी के मौसम में पंखे बंद होने से ट्रेन में सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। एक यात्री, रमेश साहा ने बताया, “हम किराया देकर यात्रा करते हैं, लेकिन बदले में हमें क्या मिलता है? न पंखे चलते हैं, न ही साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है। रेलवे को हमारी परेशानियों की कोई परवाह नहीं।”रेलवे के नियमों के अनुसार, ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करना रेल प्रशासन की जिम्मेदारी है। भारतीय रेलवे के आधिकारिक पोर्टल और रेल मदद पोर्टल के माध्यम से यात्री अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। हालांकि, शिकायतों के समाधान में देरी और जिम्मेदारी का ठोस जवाब न मिलना यात्रियों की सबसे बड़ी शिकायत है।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रेनों में रखरखाव और सुविधाओं की जांच की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर, ट्रेन के कोच अटेंडेंट और तकनीकी कर्मचारियों की होती है। इसके अलावा, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) और ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE) को भी यात्रियों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने का निर्देश होता है। फिर भी, मनीष प्रसाद जैसे यात्रियों की शिकायतें बताती हैं कि जमीनी स्तर पर इन नियमों का पालन पूरी तरह नहीं हो रहा।