जामुड़िया में कोयला तस्करी धड़ल्ले से, डिपो से लूट जारी
बंगाल मिरर, जामुड़िया : आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल में एक ओर जहां सीबीआई कई हजार करोड़ रुपये के कोयला तस्करी मामले में जांच कर कई लोगों पर मुकदमा चला रही है, वहीं कुछ कोयला तस्कर जामुड़िया और बाराबनी में पहले की तरह ही अपना धंधा बेरोकटोक चला रहे है। यह काला खेल जामुड़िया एवं बाराबनी इलाके में ज्यादा देखने को मिल रहा है। बताया जाता है कि एक ओर जहां केंद्र व राज्य सरकार कोयला चोरी पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने की दिशा में प्रयास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कोयला तस्कर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर अवैध कोयला तस्करी धड़ल्ले से कर रहे हैं।









जानकारी के अनुसार इन दिनों जामुड़िया के तपसी इलाका, शिवपुर एवं चुरुलिया से व्यापक पैमाने पर अवैध रूप से कोयला उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं, सातग्राम इलाके में भी व्यापक पैमाने पर अवैध कोयला का कारोबार हो रहा है। सूत्रों के अनुसार इन इलाकों से प्रतिदिन सैकड़ों टन अवैध कोयले की तस्करी की जा रही है। आरोप है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। जामुड़िया थाना क्षेत्र के साल डांगा जंगल कोयला तस्करों का पसंदीदा स्थान बन गया है। यहां कोयला जमा किया जाता है और फिर यहीं से काला खेल तस्करी के रूप में शुरू होता है। कुछ ऐसा ही हाल बाराबनी क्षेत्र का है। इस इलाके में भी कई जगहों पर कोयला का अवैध कारोबार किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सूचना मिलने पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। हालांकि कार्रवाई अब तक कुछ खास देखने को नहीं मिली।कोयला तस्कर क्या वाकई में पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे हैं या फिर यह मात्र दिखावा है।
इस संबंध में कुछ लोगों का कहना है कि जो बताया जा रहा है, उसमें जरा भी सच्चाई नहीं है। कोयला तस्कर जिस प्रकार ताल ठोक कर कोयले का अवैध कार्य कर रहे हैं, वह कुछ और ही बयां कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परसिया सालडांगा के जंगलों में अवैध कोयला को जमा कर रखा जाता है। वहां से अलग-अलग तरीके से कोयले को विभिन्न कारखानों में भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं, अवैध कोयला खनन के अलावा न्यू केंदा पैच ओसीपी से चोरी किया गया कोयला भी जमा किया जाता है।
हालांकि ओसीपी प्रबंधन का कहना है कि वहां से कोयला चोरी नहीं हो रहा है, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना ही कुछ और है। वहीं कुनुस्तोड़िया एरिया अंतर्गत बेलबाद रेल साइडिंग से ईसीएल के कोयले की बड़े पैमाने पर चोरी हो रही है। आरोप है कि इसमें ईसीएल के कुछ अधिकारी, सुरक्षा कर्मी और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गिरोह शामिल हैं। कोयले की चोरी न केवल रात के अंधेरे में, बल्कि दिन के उजाले में भी हो रही है। चोरी के लिए डंपरों में लगे जीपीआरएस बदलकर एक ही नंबर प्लेट से दो वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है और इन वाहनों को रूट बदलकर जामुड़िया थाना क्षेत्र के डिपो तक पहुंचाया जाता है।
आरोप है कि इस अवैध कारोबार से जुड़े लोग मोटी रकम अधिकारियों और नेताओं तक पहुंचाते हैं। यही वजह है कि न तो पुलिस, सीआईएसएफ और न ही ईसीएल के उच्च अधिकारी स्तर से कोई ठोस कार्रवाई हो रही है। हालांकि पुलिस, सीआईएसएफ एवं ईसीएल के अधिकारियों का कहना है कि सूचना मिलने पर कार्रवाई हो रही है।





