Durgapur Rape Case : 5 गिरफ्तारी, रणक्षेत्र बना अस्पताल, सुवेंदु का हमला, टकराव, तनाव
बंगाल मिरर, दुर्गापुर : दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की द्वितीय वर्ष की एमबीबीएस छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस जघन्य कांड के विरोध में सोमवार को दुर्गापुर के आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर तीव्र प्रदर्शन किए।



प्रदर्शन और तनाव
दुर्गापुर नागरिक समिति, कोलकाता की “वॉयस ऑफ अभया” और “वॉयस ऑफ वीमेन” ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपने वाले थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में यह अस्पताल के सुपर को सौंपा गया। प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा गार्डों ने लोहे के बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन संगठनों के सदस्यों ने बैरिकेड तोड़कर परिसर में प्रवेश किया। चार प्रतिनिधियों को अंदर जाने की अनुमति दी गई, लेकिन प्रिंसिपल ने उनसे मुलाकात नहीं की। दुर्गापुर नागरिक समिति की लता घोष ने दोषियों को तत्काल सजा और न्यायिक जांच की मांग की।
वॉयस ऑफ अभया के डॉ. बिप्लब चंद्र, डॉ. सजल बिस्वास और नर्सेस यूनिटी की भास्वती मजूमदार ने सत्तारूढ़ दल पर असली दोषियों को बचाने का आरोप लगाते हुए नागरिक समाज से सतर्क रहने और आंदोलन जारी रखने की अपील की।
वहीं, एसयूसीआई (SUCI) के कोलकाता और दुर्गापुर के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़िता और उनके परिवार से मिलने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। इससे धक्का-मुक्की और गार्डों के साथ हाथापाई हुई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान परिसर में कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं था।
राजनीतिक उबाल और बीजेपी का धरना
घटना ने राज्य में राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को सिटी सेंटर, दुर्गापुर में बीजेपी की ओर से आयोजित धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने ‘कन्या बचाओ, ममता हटाओ!’ का नारा लगाते हुए ममता बनर्जी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की और ‘स्वैराचारी हिंदू विरोधी ममता सरकार’ के खिलाफ जमकर निशाना साधा। धरने से पहले शुभेंदु ने पीड़िता के पिता से भी मुलाकात की। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि शुभेंदु के पहुंचने से ठीक पहले पुलिस ने ‘कोई अनुमति नहीं’ का हवाला देकर धरना मंच को हटाने का दबाव बनाया, जिससे स्थानीय प्रशासन और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच तनाव बढ़ गया।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के अंदर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को तीन मुख्य संदिग्धों—शेख रियाजुद्दीन, शेख फिरदौस और अप्पू—को दुर्गापुर अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सोमवार को दो अन्य आरोपियों—शेख नासिरुद्दीन और शेख शफीकुल—को अदालत में पेश किया गया, जिन्हें भी पुलिस हिरासत में लेने के लिए आवेदन दायर किया गया। ये दोनों विजरा गांव के निवासी हैं।
पुलिस के अनुसार, यह घटना शुक्रवार रात कॉलेज परिसर के बाहर हुई, जब ओडिशा के जलेश्वर जिले की रहने वाली पीड़िता अपने एक पुरुष मित्र के साथ डिनर के लिए बाहर गई थी। घटना के बाद पीड़िता को उसी निजी कॉलेज के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत में सुधार हो रहा है। पुलिस पुरुष मित्र सहित अन्य संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
मांग और अपील
सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस घटना के खिलाफ एकजुट होकर दोषियों को कड़ी सजा और त्वरित न्याय की मांग की है। साथ ही, नागरिक समाज से इस मुद्दे पर सतर्क रहने और आंदोलन को और तेज करने की अपील की गई है। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करती है।