SIR-2025 की शुरुआत : आयु वर्ग अनुसार दस्तावेज जरूरी, जानें पूरी प्रक्रिया, 2002 के लिस्ट में चेक करें अपना नाम
बंगाल मिरर, कोलकाता, 28 अक्टूबर 2025**: भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में शुरू हो रही विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन – SIR) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूचियों को अपडेट और शुद्धिकरण किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में यह अभियान 1 नवंबर 2025 से आरंभ होगा और 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। इसका उद्देश्य फर्जी वोटरों को हटाना, नए पात्र मतदाताओं को शामिल करना और सूची की सटीकता सुनिश्चित करना है। लेकिन चेतावनी है – बिना उचित दस्तावेजों के नाम कट सकते हैं। ईसीआई ने विभिन्न आयु वर्गों के मतदाताओं के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो मुख्य रूप से 2002 की मतदाता सूची पर आधारित हैं। आइए जानते हैं, कौन से दस्तावेज किन श्रेणी के मतदाताओं के लिए अनिवार्य हैं।













SIR-2025: क्यों महत्वपूर्ण है यह प्रक्रिया?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “SIR से कोई पात्र मतदाता बाहर नहीं होगा और कोई अपात्र व्यक्ति सूची में नहीं रहेगा।” पश्चिम बंगाल में 2002 की मतदाता सूची और वर्तमान सूची के बीच 40-45% अंतर पाया गया है, जिसमें कई नए नाम जोड़े गए हैं। अब BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) हर घर तीन बार जाकर सत्यापन करेंगे। यदि दस्तावेज नहीं दिखाए गए, तो नाम हटाए जा सकते हैं। प्रक्रिया के दौरान फॉर्म 6 (नया नाम जोड़ने), फॉर्म 7 (नाम हटाने) और फॉर्म 8 (संशोधन) भरने की सुविधा होगी।
आयु वर्ग अनुसार आवश्यक दस्तावेज: श्रेणीवार विवरण
ईसीआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, दस्तावेजों की मांग जन्म तिथि और 2002 की मतदाता सूची में नाम की उपस्थिति पर निर्भर करती है। सभी श्रेणियों में एक रंगीन फोटो अनिवार्य है। इसके अलावा, 11 महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से कोई एक (स्वयं या माता-पिता के लिए) प्रस्तुत करना होगा। दस्तावेजों की सूची इस प्रकार है:1. केंद्र/राज्य सरकार या पीएसयू के कर्मचारी/पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।2. जन्म प्रमाण पत्र (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी)।3. पासपोर्ट।4. बोर्ड प्रमाणपत्र (मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक)।5. स्थायी निवास प्रमाण पत्र (राज्य प्राधिकारी द्वारा)।6. ओबीसी/एससी/एसटी प्रमाण पत्र (सक्षम प्राधिकारी द्वारा)।7. वन अधिकार प्रमाण पत्र।8. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रमाण पत्र (यदि लागू)।9. पारिवारिक पंजीकरण (राज्य/स्थानीय प्राधिकारी द्वारा)।10. भूमि/घर आवंटन प्रमाण पत्र (सरकार द्वारा)।11. 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई सरकारी पहचान पत्र (बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि से)।
अब देखें आयु वर्ग अनुसार श्रेणियां:
1. जिनके नाम 2002 और वर्तमान (2025) मतदाता सूची दोनों में हैं:** इन मतदाताओं के लिए प्रक्रिया सरल है। केवल 2002 की मतदाता सूची की एक फोटोकॉपी (जेरॉक्स) और एक रंगीन फोटो की प्रति प्रस्तुत करनी होगी। कोई अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं। यह श्रेणी मुख्य रूप से वरिष्ठ नागरिकों पर लागू होती है।
2. जिनकी जन्म तिथि 1 जुलाई 1987 से पहले की है, लेकिन नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है:** – पिता और माता की 2002 की मतदाता सूची की एक फोटोकॉपी प्रत्येक। – स्वयं का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज (ऊपर सूचीबद्ध 11 में से कोई एक)। – एक रंगीन फोटो। यह श्रेणी उन बुजुर्गों के लिए है जो 2002 में सूची में नहीं थे, लेकिन अब पात्र हैं।
3. जिनकी जन्म तिथि 1 जुलाई 1987 और 2 दिसंबर 2004 के बीच है, लेकिन नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है:** – पिता और माता की 2002 की मतदाता सूची की एक फोटोकॉपी प्रत्येक। – स्वयं का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज (ऊपर सूचीबद्ध 11 में से कोई एक)। – एक रंगीन फोटो। यह मध्यम आयु वर्ग के मतदाताओं के लिए है, जो 2002 में युवा थे या सूची से चूक गए।
4. जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है:** – पिता और माता की 2002 की मतदाता सूची की फोटोकॉपी प्रत्येक। – स्वयं का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज (ऊपर सूचीबद्ध 11 में से कोई एक)। – एक रंगीन फोटो। युवा मतदाताओं (18 वर्ष से कम उम्र के नए वोटर) के लिए यह अनिवार्य है, क्योंकि वे 2002 में जन्मे ही नहीं थे।#### राजनीतिक विवाद और जनता की तैयारीपश्चिम बंगाल में SIR को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इसे “साजिश” करार दिया है, जबकि भाजपा ने इसका स्वागत किया है।
मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए, वरना निर्दोष मतदाताओं के नाम कट सकते हैं।ईसीआई ने सलाह दी है कि मतदाता ceowestbengal.nic.in वेबसाइट पर 2002 की सूची डाउनलोड कर जांच लें।BLO से संपर्क करें या हेल्पलाइन 1950 पर कॉल करें। द्राफ्ट सूची 9 दिसंबर को जारी होगी, जिसमें आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी।मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की रीढ़ है। SIR-2025 से पश्चिम बंगाल के 8 करोड़ से अधिक मतदाताओं को फायदा होगा, लेकिन समय रहते दस्तावेज तैयार रखें। अन्यथा, अगले विधानसभा चुनाव में वोट डालने का मौका हाथ से निकल सकता है।


