रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारिणी समिति के चुनाव में “यूथ विद एक्सपीरियंस” ने चुनाव प्रचार मे गुरुवार की शाम को श्री श्री सीताराम जी भवन में उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी किया
चुनावी मैदान में इस बार भी दो गुट “टीआरपी ” तथा “युथ विद एक्सपीरिएंस” आर पार की लड़ाई लड़ रहे है।एक और जहां वर्तमान कार्यकारिणी समिति “टीआरपी ग्रुप” अपने उम्मीदवारों की सूची अब तक जारी नहीं कर पाई है ,वहीं दूसरी ओर यूथ विद एक्सपीरियंस ने बाजी मारते हुए अपने उम्मीदवारों के नामों की सूची गुरुवार की शाम को सीताराम जी भवन मैं के समर “यूथ विद जारी किया एक्सपीरियंस” का नेतृत्व रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के पुरोधा माने जाने वाले गोविंद राम खेतान के सुपुत्र राजेंद्र प्रसाद खेतान दे रहे हैं , सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार “यूथ विद एक्सपीरियंस” ने जहां पुराने चेहरों के स्थान पर संगठन के नाम को सार्थक करते हुए नए चेहरे को अधिक मौका दिया है। वहीं 2 महिला उम्मीदवार चार्टर्ड अकाउंटेंट रूबी गढ़वाला एवं अधिवक्ता कृष्ना नंदी चुनावी मैदान में है। इसी गुट में दो सगे भाई संजय बाजोरिया एवं प्रदीप बाजोरिया भी इसी गुट से योगदान दे रहे है। अन्य उम्मीदवारों में आदित्य विक्रम केजरीवाल, अनिल लोहारूवाला ,अनीश चौधरी, अंकित शराफ़, अरुण भरतिया, दीपक जालान, जुगल किशोर गुप्ता, मनोज केसरी ,मनोज सिंघानिया, प्रदीप सरायां, प्रकाश सराफ, राकेश अग्रवाल उर्फ टिंकू, रमेश लोयलका, रितेश खेतान, रोहित खेतान, रविंद्र सिंह, संदीप झुनझुनवाला, सतीश खेमका एवं श्रवण कनोडिया है । बीते चुनाव में “यूथ विद एक्सपीरियंस” के कई उम्मीदवारों द्वारा हटात नामांकन वापस लिए जाने के कारण संगठन की स्थिति डवांडोल हो गई थी, । चुनावी समीकरण के अनुसार एक और जहां यूथ विद एक्सपीरियंस को इन 23 उम्मीदवारों में कम से कम 13 उम्मीदवारों का जितना जरूरी है, वहीं दूसरी और टीआरपी ग्रुप के लिए 11 उम्मीदवारों का जीत पर बोर्ड गठन हो जायेगी। ऐसी स्थिति में दोनों ग्रुप ही अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए बीते 2 माह पूर्व से ही मतदाताओं से लगातार संपर्क बनाए रखे हुए हैं। ज्ञात हो कि कुल 58 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें 15 उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन वापस लिया, ऐसी स्थिति में चुनावी मैदान में कुल 43 उम्मीदवार डटे हुए है ,जबकि 799 मतदाता इन उम्मीदवारों के तकदीर का निर्धारण करेंगे , कि वर्ष 2020 -21 की बोर्ड आखिर किसकी बनती है।